लखनऊ: दादरी में बीफ की अफवाह के बाद मारे गए अखलाक की फैमिली को अखिलेश सरकार की ओर से मदद के तौर पर चार फ्लैट दिए गए थे। ये सभी फ्लैट एनसीआर इलाके में हैं। इसके लिए पैसे सीएम अखिलेश यादव के विवेकाधीन फंड से दिए गए। गौरतलब है कि वारदात के बाद अखलाक की फैमिली दिल्ली में रह रही थी।
हालांकि अखलाक के मर्डर के बाद केंद्र की मोदी सरकार को जमकर निशाना बनाया गया था। उस वक्त देश में अवार्ड वापसी का दौर भी चला था। इस घटना के विरोध में फिल्म, साहित्य, विज्ञान और कला जगत के कई नामचीन लोगों ने अपने-अपने सम्मान लौटाए थे। विपक्षी पार्टियों ने देश में 'असहिष्णुता' का माहौल होने के नाम पर जमकर राजनीति की थी।
ग्रेटर नोएडा के पाई टू सेक्टर में मिले फ्लैट्स
-अखलाक की फैमिली को ये सभी चार फ्लैट्स ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पाई टू में दिए गए।
-इन सभी फ्लैट्स के लिए फैमिली ने 9.5 लाख की रकम ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को दी।
-प्रति फ्लैट 67 हजार बतौर रजिस्ट्रेशन दिए गए।
ये भी पढ़ें... दादरी कांड: लैब रिपोर्ट में खुलासा, अखलाक के घर में था गाय का मांस
कीमत से आधे दाम पर दिए गए फ्लैट
-ये सभी फ्लैट वन BHK हैं। 45 वर्ग मीटर की एरिया में बनाए गए हैं।
-इन फ्लैट्स की बाजार दर पर कीमत 20 से 24 लाख रुपए है।
-ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने स्पष्ट किया था कि वह फ्लैट्स मुफ्त में नहीं दे सकता है।
-इसके बाद सरकार ने परिवार को सीधे फ्लैट देने के बजाय उन्हें फ्लैट और रजिस्ट्रेशन के पैसे दिए गए।
काफी मुश्किल से मिले फ्लैट
-इससे पहले फ्लैट मिलने की राह में रोड़ा अखिलेश सरकार के ऑफिसर्स ने ही अटका दिया था।
-कई विभागों में घूमने-फिरने के बाद इस मामले की फाइल वापस सीएम की टेबल पर पहुंच गई थी।
-सीएम ऑफिस के आदेश पर फ्लैट देने की प्रक्रिया की शुरुआत यूपी सरकार के औद्योगिक विकास विभाग ने की थी।
-इसके बाद यह फाइल यूपी हाउसिंग बोर्ड और नोएडा अथॉरिटी को भेजी गई।
-दस दिन बाद ही दोनों विभागों ने सीएम के आदेश को दरकिनार करते हुए फ्लैट देने में असमर्थता जाहिर कर दी।
क्या है सीएम का विवेकाधीन कोष?
-सीएम के पास आम जनता की मदद के लिए एक अलग से कोष की व्यवस्था है।
-विवेकाधीन कोष से जुड़े मामले सीएम ऑफिस के सेक्शन-4 में देखे जाते हैं।
-यहां मिलने वाले एप्लीकेशन पर नियम के अनुसार और सीएम के विवेकानुसार फैसले के बाद आर्थिक मदद की जाती है।
-इस फाइनेंसियल ईयर में 105 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया गया है।