नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ घोटाला मामले में सुरेश कलमाड़ी, ललित भनोट जैसे रसूखदारों को जेल भेजने वाले बेहद सख्त मिजाज जज ने गुरुवार (21 दिसंबर) को 2जी आरोपियों को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया। दिल्ली में सब इंस्पेक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले जज ओपी सैनी ने अब तक कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, इनमें लालकिला पर हुए आतंकी हमले से लेकर कॉमनवेल्थ घोटाला तक शामिल है।
गुरुवार को जस्टिस ओपी सैनी की अगुवाई वाली स्पेशल कोर्ट ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और अन्य लोगों को टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में बरी कर दिया। यह घोटाला 2007-08 में टू-जी स्पेक्ट्रम के आवंटन से जुड़ा हुआ है, जिसमें कैग की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
सब इंस्पेक्टर के रूप में शुरू किया था करियर
एक खबर के मुताबिक, जस्टिस सैनी ने अपना करियर 1981 में दिल्ली पुलिस सब इंस्पेक्टर के रूप में शुरू किया था। सैनी को स्पेशल POTA जज के रूप में खूब प्रसिद्धि मिली। जज ओपी सैनी ने ही लालकिला आतंकी हमला मामले में सभी आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, इस मामले में आरोपियों को छोड़ना ओपी सैनी की शख्सियत से मेल नहीं खाता, लेकिन उन्होंने फैसले में जो सवाल खड़े किए हैं वे मौजूं हैं
जानें कौन हैं ओपी सैनी और क्यों हैं इतने मशहूर?
-हरियाणा के रहने वाले ओपी सैनी (57 वर्ष) या जस्टिस ओम प्रकाश सैनी ने अपना करियर सब इंस्पेक्टर के रूप में शुरू किया था।
-6 साल की पुलिस सर्विस के बाद न्यायिक सेवा परीक्षा देकर उस वर्ष उत्तीर्ण होने वाले सैनी एकमात्र उम्मीदवार थे।
-22 दिसंबर 2000 को लाल किला आतंकी धमाके के मुख्य आरोपी आरिफ को 2005 में मौत की सजा सुनाई थी।
-सैनी के इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बाद में बरकरार रखा था।-19 मार्च 2017 को उन्होंने सीआरपीसी के सेक्शन-19 के तहत अपने स्पेशल पावर का उपयोग करते हुए भारती एयरटेल के सुनील मित्तल, हचिंसन मैक्स के असीम घोष और स्टर्लिंग सेलुल्यर के रवि रुइया को समन जारी किया था।
-जज ओपी सैनी ने नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) रिश्वत घोटाला केस में उन्होंने नाल्को चेयरमैन एके श्रीवास्तव को जमानत देने से इनकार कर दिया था।