Irfan Pathan
महोबा: किसानों की कब्रगाह बनते जा रहे महोबा में कर्ज तले दबे एक किसान ने खेत में नीम के पेड़ से लटक कर अपनी जान दे दी। उसने सिंचाई के लिए ग्रीन कार्ड, सोसायटी और साहूकारों से लाखों रुपए कर्ज लिया था। पैसे ना चुका पाने की वजह से वह तनाव में था।
इसलिए कर ली खुदकुशी
-महोबा के थाना श्रीनगर के गांव सलारपुरा में किसान लखन राजपूत अपने परिवार के साथ रहता था।
-लखन ने खेत पर सिंचाई व्यवस्था के लिए तीन-चार बोर कराए थे।
-उस पर किसान क्रेडिट कार्ड, सोसायटी और साहूकारों का भारी कर्ज हो गया।
-उसे उम्मीद थी कि इस बार की फसल बेचकर अदायगी कर देगा।
-लेकिन सूखे की आफत ने किसान के अरमानों पर पानी फेर दिया।
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आठ घंटे लटका रहा शव
-किसान का शव आठ घंटे तक पेड़ पर लटका रहा, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।
-मीडिया के दखल के बाद पुलिस पहुंची और शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
हताश होकर लगा रहे मौत को गले
-सूखे से कराह रहे बुंदेलखंड में कर्ज और भूखमरी से जूझ रहे किसान हताश होकर मौत को गले लगा रहे हैं।
-भले ही बुंदेलखंड को बदहाली से उबारने के लिए प्रदेश सरकार कर्ज माफी और मुआवजा देने की बात कह रही है।
-लेकिन कर्ज में दबे किसानों को शायद इसका फायदा नहीं मिल रहा है।
सीएम से राहुल तक कर चुके विजिट
-पिछले दिनों सीएम अखिलेश यादव और मुख्य सचिव आलोक रंजन बुंदेलखंड का दौरा कर चुके हैं।
-उनसे पहले कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी भी यहां आ चुके हैं।
-वहीं, पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए फसल बीमा की शुरुआत की है।
-नेताओं के पास भले ही दिखाने और कहने को बहुत कुछ हो, लेकिन किसानों की खुदकुशी नहीं रुक रही है।
साढ़े तीन हजार किसान कर चुके आत्महत्या
-बुंदेलखंड में पिछले कुछ सालों में सूखे और कर्ज से परेशान साढ़े तीन हजार से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं।