दाना और आशियाना लील गई बाढ़, प्रशासन अभी बना रहा है राहत योजना

Update: 2016-07-29 07:49 GMT

Rahul Yadav

बहराइच: श्रावस्ती की जमुनहा और तहसील के 40 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बरूहा गांव टापू बन गया है। प्रशासन को अभी इन गांवों तक पहुंचने की योजना बनानी है। तब तक शायद बहुत कुछ खत्म हो चुका होगा। इसलिए हालात का जायजा लेने newztrack की टीम बाढ़ में उतर गई। मौके से लौट कर बर्बादी की कहानी बयान कर रहे हैं, newztrack संवाददाता राहुल यादव।

नहीं है प्रशासन

-नेपाल से भारतीय नदियों में आई बाढ़ को 3 दिन बीत चुके हैं, लेकिन श्रावस्ती प्रशासन जमुनहा और भिनगा तहसील के 40 गांवों तक नहीं पहुंचा है।

-ग्रामीणों का सबकुछ बाढ़ में डूब चुका है। राहत बचाव का कोई इंतजाम नहीं है।

-जमुनहा का बरूहा गांव राप्ती के पानी में टापू बन गया है। दिन के 11 बज चुके हैं। लोगों को खाने का एक निवाला भी नसीब नहीं हुआ है। लोग परिवार समेत शरण के लिए इधर उधर भाग रहे हैं।

हर तरफ तबाही

-मधवापुर गांव चारों तरफ पानी से घिरा है। घर, स्कूल, हॉस्पिटल सब पानी में समा गए हैं। घर का तिनका तिनका बिखर गया है। अनाज का दाना दाना बह चुका है।

-भुड़कलवा गांव भी पानी में डूबा दिख रहा है। दोपहर के एक बज रहे हैं। लोग भूखे हैं, लेकिन तेज बहाव में रोड पार कर रहे हैं। भंगहा रोड भी बहाव में करीब 15 मीटर बह गई है।

-2 बजे सरदार कोठी के पुल से मशहूर बैराज पहुंच गए। रोड पर करीब दो फीट तक पानी उफन रहा है। भंगहा मोड़ से भंगहा बाजार जाने वाली सड़क का करीब 100 मीटर हिस्सा सैलाब में बह गया है।

-राप्ती का पानी बैराज से नई रेवलिया, पुरानी रेवलिया, मजगवां समेत 20 गांवों में तबाही मचा रहा है।

..कि बच जाए जिंदगी

-गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोग बाढ़ में तैरकर सुरक्षित स्थानों की तलाश में बढ़ रहे हैं। नेपाली पानी का आतंक चेहरों पर साफ नजर आ रहा है।

-श्रावस्ती जिला मुख्यालय भिनगा को बहराइच से जोड़ने वाला फोरलेन मार्ग दो जगहों से कट गया है। लक्ष्मणनगर के पास पुल के किनारे पूरी रोड जमींदोज हो गई है।

-डीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ में फंसे 1200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का दावा किया है। ग्रामीणों में लंच पैकेट बंटवाने की बात भी कही है।

-लेकिन राहत बचाव के नाम पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। बाढ़ ग्रस्त इलाकों में नावें भी नदारद दिखीं। लोग जान जोखिम में डालकर बाहर आ हैं।

-कुल मिला कर, श्रावस्ती में बाढ़ से हाहाकार मचा है। राहत नहीं है। मकान और खेत, खलिहान डूब गए हैं। भूख है, मगर जिंदगी पहले बचानी है। ewztrack की टीम लोगों का दर्द सुन रही है, कि प्रशासन नहीं है-राहत नहीं है।

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