योगी जी वाह! रिवर फ्रंट घोटाले में दर्ज हुई थी FIR, आज थमा दी मलाईदार पोस्टिंग

Update:2017-06-21 21:34 IST

लखनऊ: यूपी के सिंचाई विभाग की बात करें तो ये अजब है और तुर्रा ये की योगी सरकार बड़ी गजब है। हम आप वर्षों से सुनने आ रहे हैं कि नहरों में बहता पानी मिट्टी के साथ बोल्डरों की एक बड़ी लाट ही बहा ले गया। ठीक उसी तरह सिंचाई विभाग के घोटाले कागजों में दफन हो जाते हैं और एक समय बाद तटबंधों के किनारे लगे पत्थरों की तरह गायब हो जाते हैं। यह पढकर आप भी हतप्रभ होंगे। पर यह सच है, विभाग में वर्षों से यही घटित होता रहा है। अब गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच रिपोर्ट का भी कुछ ऐसा ही हश्र होता दिख रहा है।

बीते 18 जून को गोमती रिवर फ्रंट की न्यायिक जांच के आधार पर आठ इंजीनियरों के खिलाफ राजधानी के गोमतीनगर थाने में FIR दर्ज करायी गयी थी। यह मुकदमा वित्तीय अनियमितता और कथित भ्रष्टाचार की धाराओं में दर्ज किया गया है। इसमें रिटायर इंजीनियर भी शामिल हैं। कई वर्तमान में कार्यरत हैं। इन्हीं में से एक अधिशासी अभियंता सुरेन्द्र कुमार यादव को बुधवार को मलाईदार पोस्टिंग दे दी गई। अब तक यह लखनऊ खण्ड, शारदा नहर, लखनऊ में अधिशासी अभियंता के पद पर कार्यरत थें। पर अब जनहित में इनका तबादला लखनऊ खण्ड—2, शारदा नहर, लखनऊ में अधिशासी अभियंता के पद पर किया गया है। अब इससे कैसा जनहित सधेगा। विभाग के बड़े अफसर यह बताने से कतरा रहे हैं।

इसके बाद तो यही समझ में आता है, कि पिछली सरकारों की तरह ही योगी सरकार भी भ्रष्ट तंत्र को बढ़ावा दे रही है। जाँच का खेल तो सिर्फ जनता को दिखाने के लिए चल रहा है। वर्ना गोमती रिवर फ्रंट की जाँच रिपोर्ट आने के बाद भी नीम ख़ामोशी क्यों पसरी हुई है।

इन पर दर्ज हुई थी FIR

तत्कालीन चीफ इंजीनियर, गुलेश चन्द्र, अब रिटायर

तत्कालीन चीफ इंजीनियर, एसएन शर्मा

तत्कालीन चीफ इंजीनियर, काज़िम अली

तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, शिव मंगल यादव, अब रिटायर

तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, अखिल रमन, अब रिटायर

तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, कमलेश्वर सिंह

तत्कालीन अधिशासी अभियंता/अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव, अब रिटायर

अधिशासी अभियंता, सुरेन्द्र यादव

इन धाराओं में दर्ज हुआ केस

इन इंजीनियरों पर आईपीसी की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा सरकारी धन का गबन), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

सुरेश खन्ना कमेटी ने की है सीबीआई जांच की सिफारिश

आपको बता दें कि सत्ता में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट का दौरा कर मौके पर हुए कामों का जायजा लिया था। उसी समय उन्होंने अफसरों को जमकर फटकार लगायी थी और प्रकरण की जांच के लिए न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की थी। समिति से 45 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई थी।

न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की अगुवाई में एक कमेटी गठित कर दोषियों पर कार्रवाई तक करने का आदेश दिया था। बीते दिनों खन्ना कमेटी ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए सिंचाई विभाग की तरफ से बीते 18 जून को घोटाले के आरोपी आठ इंजीनियरों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी थी।

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