HC ने योगी Govt. से पूछा- आप नहीं दे रहे सहयोग, क्यों न लगाएं भारी हर्जाना
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार (07 अक्टूबर) को एक बार फिर योगी सरकार की कोर्ट के प्रति कार्यशैली पर नाराजगी जतायी है। इसमें सुधार के लिए प्रमुख सचिव विधि उमेश कुमार को तलब किया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव विधि को तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि वह बताएं कि अदालतों में सहयोग की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है।
कोर्ट ने पूछा है, कि 'यदि सरकार सक्षम व योग्य वकीलों की राज्य विधि अधिकारी के पदों पर नियुक्ति नहीं कर रही है, तो क्यों न अदालत आदेश में सरकार की तरफ से सहयोग न मिलने का जिक्र कर केसों का एकतरफा निस्तारण करे।' यही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा, कि 'कोर्ट में सरकार का पक्ष न रखकर बेवजह अदालत का समय बर्बाद करने के लिए क्यों न सरकार पर भारी हर्जाना लगाया जाए।' प्रमुख सचिव लाॅ को कोर्ट ने 24 अक्टूबर को तलब किया है।
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समय पर जवाब नहीं मिलने से कोर्ट सख्त
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खण्डपीठ ने मनसाद व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, कि 'दो बार इस केस की सुनवाई इस कारण टाल दी गई। सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जवाब तैयार हो रहा है। दो बार का समय 8 व 19 सितम्बर 2017 को दिया गया था। लेकिन केस की सुनवाई के दिन तक इस मामले में जवाब दाखिल नहीं किया गया। जवाब तैयार किए जाने का सरकारी वकील का बयान झूठा था। इस कारण कोर्ट ने अधिकारी को तलब किया है।
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कोर्ट अब जुर्माना ठोकेगी
कोर्ट ने याची के पक्ष में पारित अंतरिम आदेश को अग्रिम आदेश तक के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट का कहना था, कि योग्य सरकारी वकीलों की नियुक्ति न होने से अब अदालत प्रतीक्षा नहीं करेगी, बल्कि केसों का एकतरफा निस्तारण कर सरकार पर जुर्माना ठोकेगी।
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