मुलायम और जेटली के खिलाफ वारंट जारी करने वाले सिविल जज हुए सस्पेंड
सपा प्रेसिडेंट मुलायम सिंह यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ वारंट जारी करने वाले कुलपहाड के सिविल जज जूनियर डिवीजन अंकित गोयल को शनिवार को निलंबित कर दिया गया । इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड के आदेश पर अंकित गोयल को सस्पेंड किया गया है ।चीफ जस्टिस ने न्यायिक कार्यो में अविवेक निर्णय लेने पर अंकित को सस्पेंड किया है । अंकित अपने आदेश को लेकर हमेशा चर्चित रहे हैं ।
''हम न्यायिक अधिकारी हैं और हमारी कुछ मर्यादा है और मैं उसका पालन करता हूं, मुझे सस्पेंसन लेटर की कोई कॉपी नहीं मिली है इसलिए नो कमेंट्स''।
मुलायम के खिलाफ भी जारी किया था समन
अगस्त में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि रेप एक व्यक्ति करता है तो चार लोगों के खिलाफ क्यों केस दर्ज किया जाता है? मुलायम ने ये भी कहा था कि एक लड़की के साथ चार लोग कभी रेप नहीं कर सकते। मुलायम सिंह यादव के इस विवादित बयान के बाद जज अंकित गोयल ने उनके खिलाफ समन जारी कर दिया था। मुलायम को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। मुलायम को 16 सितंबर को पेश होना था। हालांकि, सपा सुप्रीमो ने इस पर स्टे ले लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) को असंवैधानिक बताया था। जब जेटली ने इसके खिलाफ टिप्पणी की तो महोबा में जूनियर डिवीजन जज अंकित गोयल ने खुद इस मामले में संज्ञान लेते हुए कोर्ट की अवमानना (कंटेम्टम्प ऑफ कोर्ट) का केस दर्ज करने का आदेश दिया था। जेटली के खिलाफ कुलपहाड़ में केस दर्ज किया गया था। इतना ही नहीं, जज ने 19 नवंबर, 2015 को कोर्ट में पेश होने के लिए जेटली के नाम समन भी जारी किया था।
जज अंकित गोयल जुलाई, 2014 से महोबा के कुलपहाड़ में पोस्टेड हैं। इससे पहले वो बरेली, गौतमबुद्ध नगर और फर्रुखाबाद में रह चुके हैं। फर्रुखाबाद में वो सबसे ज्यादा वक्त तक रहे। अंकित मेरठ के रहने वाले हैं। 1978 में जन्मे अंकित गोयल ने ज्यूडिशियल सर्विस की शुरुआत 2009 में फर्रुखाबाद से की थी।
- अंकित गोयल ने केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को नोटिस जारी कर कोर्ट में तलब किया था।
- उन्होंने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भी अपनी कोर्ट में तलब किया था।
- मुलायम के खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया था।
- दोनों नेताओं को आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी।
- हाईकोर्ट के आदेश पर मजिस्ट्रेट का आदेश ख़त्म हुआ था।
- हाईकोर्ट इस मजिस्ट्रेट के क्रियाकलापों से असंतुष्ट था।