बदले-बदले से सरकार नज़र आते हैं: वीरभद्र सिंह ने की PM मोदी की तारीफ, आखिर क्यों?
शिमला: प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के कसते शिकंजे के बीच वीरभद्र सिंह के सुर बदले बदले नज़र आ रहे हैं।बुधवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को साफ सुथरी राजनीति करने वाला बताया। लेकिन केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर की 'तिकड़ी' है जो उन्हें बदनाम करने का षड्यंत्र रच रही है। ये बातें उन्होंने सिरसा नदी पर बने पुल का उद्घाटन करने के बाद चंडी में जनसभा के संबोधन के दौरान कही।
'तिकड़ी' ने झूठे मुकदमे दर्ज करवाए
केंद्र सरकार द्वारा फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा, कि वे किसी से डरने वाले नहीं हैं।उन्होंने कहा, कि इस 'तिकड़ी' ने मुझ पर झूठे मुकदमे दर्ज करवाए। तीन-तीन केंद्रीय जांच एजंसियों को उनके पीछे लगा दिया गया है, लेकिन जनता सब जानती है। उनके विरोधियों को इस बार भी मुंह की खानी पड़ेगी।
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मोदी ने शिमला में घेरा था
सीएम वीरभद्र सिंह ने नरेंद्र मोदी को भले ही साफ़ सुथरी राजनीति करने वाला बताया हो, लेकिन हाल ही में शिमला में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने वीरभद्र सिंह पर जमकर निशाना साधा था। पीएम ने कहा था, कि 'वीरभद्र सिंह देश के एकलौते ऐसे सीएम हैं जो अपना सबसे ज्यादा समय वकीलों के बीच गुजारते हैं।'
पीएम से पुरानी पहचान का दिया हवाला
वीरभद्र सिंह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, कि 'उनकी नरेंद्र मोदी के साथ पहचान बहुत पुरानी है। वे एक-दूसरे को तब से बहुत अच्छी तरह से जानते हैं जब वे नब्बे के बाद हिमाचल के प्रभारी थे। लेकिन बीजेपी के कुछ कद्दावर नेता उनके खिलाफ नित नई योजनायें बना रहे हैं।'
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नौ घंटे तक किया पूछताछ का सामना
बताते चलें, कि बीते 20 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय ने हिमाचल के सीएम को दिल्ली तलब कर उनसे नौ घंटे तक गहन पूछताछ की। उनके सामने कई दस्तवेज भी सौंपे। इतना ही नहीं ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस बात की गारंटी देने से भी इनकार कर दिया था कि उन्हें पूछताछ के दौरान गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
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क्या है मामला?
केंद्रीय जांच एजेंसी ने सीएम वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे समेत अन्य लोगों के खिलाफ कथित तौर खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। उन पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक करीब 10 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। जिसकी जांच को आगे बढ़ाते हुए ईडी ने पूछताछ के लिए उन्हें समन जारी किए। एजेंसी ने पहले भी वीरभद्र सिंह को समन भेजा था, लेकिन तब उन्होंने आधिकारिक प्रतिबद्धताओं के चलते पेश होने में असमर्थता जताई थी। ईडी ने इस मामले में उनकी पत्नी प्रतिभा और बेटे विक्रमादित्य से भी पूछताछ की है।
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