नई दिल्ली : सीबीआई में उठे बवंडर में आलोक वर्मा उड़ गए हैं। उन्हें हटा नागेश्वर राव को सीबीआई चीफ बनाया गया। ऐसे में हमें जानकारी मिली है कि आलोक वर्मा जिन मामलों की जांच कर रहे थे वो काफी संवेदनशील हैं। आइए जानते हैं वो कैसे और कौन से मामले हैं।
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राफेल कांड
आलोक वर्मा के पास राफेल प्लेन खरीद को घोटाला बताते हुए 132 पेज की शिकायत भेजी गई थी। शिकायत 4 अक्टूबर को यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने की थी। ख़ुफ़िया सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच पूरी हो चुकी थी। आलोक वर्मा एक दो दिन में ऐक्शन लेने वाले थे।
मेडिकल रिश्वत कांड
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में हुई भर्तियो में बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी हुई थी। इस जांच में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस इशरत मसरूर कद्दूसी की गर्दन फंसी थी। खुफिया सूत्रों के मुताबिक कद्दूसी के खिलाफ चार्जशीट बन चुकी थी। इसपर आलोक वर्मा के हस्ताक्षर कभी भी हो सकते थे।
मेडिकल एडमिशन कांड
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला पर आरोप लगे थे कि उन्होंने मेडिकल में एडमिशन के लिए रिश्वत ली थी। मामले की जांच जल्द आरंभ वाली थी सिर्फ आलोक वर्मा के हस्ताक्षर होने थे।
हंसमुख अधिया मामला
वित्त सचिव हंसमुख अधिया के खिलाफ भी जांच के लिए बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सीबीआई शिकायत की थी। इसपर भी जल्द जांच आरंभ होनी थी। सिर्फ आलोक के हस्ताक्षर होने थे।
कोयला घोटाला
कोयला खान वितरण में बड़ा घोटाला हुआ था प्रधानमंत्री के सचिव रह चुके आईएएस अधिकारी भास्कर कुलभे का नाम इसमें शामिल था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी। जो अंतिम चरण में थी भास्कर की गर्दन इसमें बुरी तरह फंसी है।
सरकारी नौकरी के लिए रिश्वत
पंचकुला की सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। इसमें कई नेताओं की गर्दन फंसी है।
राकेश अस्थाना मामला
आलोक वर्मा अपने नंबर टू राकेश अस्थाना की भी जांच कर रहे थे। जिसपर जल्द ही फैसला लेने वाले थे।