नोएडा में घर का सपना कैसे होगा पूरा ? फिर बढ़ी जमीन की कीमत

Update: 2016-06-09 15:31 GMT

नोएडा: नोएडा में जमीन की कीमत करीब 15 फीसदी बढ़ गई है। नोएडा प्राधिकरण की गुरुवार को हुई 189वीं बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। केवल कमर्शियल उपयोग वाली जमीन को छोड़कर अन्य सभी तरह की जमीन की कीमतों को बढ़ाया गया है।

वहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा मेट्रो का संचालन करने वाली कंपनी नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) को वित्तीय मजबूती प्रदान करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। साथ ही स्थानीय ग्रामीण निवासियों के विरोध को दर किनार करते हुए प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रामीण आबादी भवन विनियमावली के ड्राफ्ट को मंजूरी दी। इस ड्राफ्ट को अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा।

प्राधिकरण ने आवासीय भूखंड, ग्रुप हाउसिंग, आवासीय भवन (निर्मित फ्लैट), संस्थागत, कार्यालय उपयोग, औद्योगिक क्षेत्र आदि सभी तरह के भू उपयोग वाली परि सम्पत्तियों की मौजूदा दरों पर 14.9 फीसदी की वृद्धि की है। अधिकारियों ने आंतरिक और बाह्य विकास कार्यों की मूल लागत और अवस्थापनात्मक व्यय बढ़ने को इसकी वजह बताया है। ड्रा, निविदा और नीलामी के आधार पर होने वाले आवंटनों पर वृद्धि प्रभावी रहेगी।

इसके दायरे में आईटी पार्क, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, प्राइमरी, माध्यमिक, सीनियर सेकेंड्री स्कूल, नर्सरी क्रेच, नर्सिंग होम, अस्पताल, धार्मिक संस्थान, डिस्पेंसरी, टेलीकॉम सेंटर, पोस्ट ऑफिस, सुपर बाजार, दुग्ध, सब्जी- फल वितरण केंद्र, अनाथालय, विधवा व विकलांग आश्रम, कृषि भूमि पर फार्म हाउस आदि शामिल हैं।

वाणिज्यक भू की नहीं बढ़ी कीमत

हालांकि वाणिज्यक उपयोग वाली जमीन कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। सेक्टर- 18 में 100 वर्ग मीटर के वाणिज्यिक भूखंड की कीमत मौजूदा के बराबर 4.45 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर रखी गई है। इसी तरह 10001 वर्ग मीटर से बड़े भूखंड की दर पहले के बराबर 1.86 लाख रुपये रखी गई है। वेयर हाउसिंग और बांस बल्ली मार्केट के लिए आवंटन सेक्टर की कमर्शल दर का 50 फीसदी आरक्षित दर पर किया जाएगा।

एनएमआरसी को दी गई वित्तीय मजबूती

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यातायात की सुलभ सुविधा देने के उद्देश्य से निर्माणाधीन मेट्रो परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए एनएमआरसी को वित्तीय मजबूती प्रदान करने के लिए बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले हुए। नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वाली मेट्रो कोरिडोर की सभी संपत्तियों (जमीन छोड़कर) पर एनएमआरसी का मालिकाना हक रहेगा। मुसाफिरों के अलावा मेट्रो स्टेशन, खंबों समेत वाणिज्यिक विकास और विज्ञापन आदि से होने वाली आय एनएमआरसी को मिलेगी। मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग की जमीन पर मालिकाना हक नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का रहेगा लेकिन उसके इस्तेमाल विकास की जिम्मेदारी और होने वाली आय एनएमआरसी के हिस्से में जाएगी।

भवन नियमावली के ड्राफ्ट को मिली मंजूरी

नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रामीण आबादी भवन विनियमावली के ड्राफ्ट को मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसके तहत ग्रामीण आबादी के भवन मानचित्र स्वीकृत कराने संबंधी मानकों के निर्धारण में सेटबेक, ग्राउंड कवरेज, भवन की ऊंचाई, पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी। इस नियमावली का नोएडा के किसान विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते प्राधिकरण ने भविष्य में किए जाने वाले नवीन निर्माण पर ही इसके लागू होने का दावा किया है। साथ ही नियमावली को बाध्यकारी के बजाए स्वेच्छा के आधार पर लागू करने की बात कही है। बताया गया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर प्राधिकरण ने ग्रामीण आबादी भवन विनियमावली के ड्राफ्ट को तैयार कराया था। बोर्ड की मंजूरी के बाद इसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद यह लागू होगी।

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