इलाहाबाद: ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान बुधवार को हुई हिंसा के मामले में चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें सीने में गोली लगने के बाद एक व्यक्ति जिंदगी बचाने के लिए यहां-वहां भागता दिख रहा है। वह खुद को हॉस्पिटल ले जाने की बात कहकर सपा विधायक सईद अहमद की गाड़ी में बैठ गया। लेकिन उसे गाड़ी से उतार दिया गया। बाद में एक मोटरसाइकिल पर बिठाकर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
क्या है मामला?
बुधवार को हुए ब्लाक प्रमुख चुनाव के दौरान गंगापार के बहादुरपुर ब्लाक में वोटिंग के दौरान समाजवादी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार राजकुमार सिंह और पार्टी के ही बागी प्रत्याशी डब्बू यादव के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान स्थानीय सपा विधायक सईद अहमद की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई। बागी प्रत्याशी डब्बू यादव के समर्थकों का मानना था कि विधायक सईद अहमद के विरोध के चलते ही उनके नेता को टिकट नहीं मिल सका।
फायरिंग में प्रधान के बेटे को लगी गोली
मारपीट होने लगी तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस बीच दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग भी हुई, जिसमें एक गोली दुबकी कला गांव के प्रधान के 35 साल के बेटे देवेंद्र सिंह को लग गई। सीने पर गोली लगते ही पर देवेंद्र जमीन पर गिर पड़ा। लेकिन उसकी उनकी मदद को कोई आगे नहीं बढ़ा। कुछ देर बार वह वहां पड़ी एक चारपाई पर जाकर लेट गया।
विधायक की गाड़ी से उतारा
गोली लगने के बावजूद वह करीब डेढ़ सौ मीटर पैदल चलकर वहां खड़ी सपा विधायक सईद अहमद की कार में जाकर बैठ गया। देवेंद्र कार से अस्पताल ले जाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन न तो विधायक और उनके स्टाफ ने मदद की। मौत को करीब देखकर देवेंद्र फिर कार से नीचे उतरा और पास खड़ी एक बाइक तक गया। चाभी नहीं होने की वजह से वह बाइक नहीं चला सका। सभी लोग तमाशबीन बने रहे। देवेंद्र के कार से उतरते ही विधायक सईद का ड्राइवर गाड़ी लेकर मौके से भाग निकला।
हॉस्पिटल की दहलीज पर तोड़ दिया दम
करीब आधे घंटे बाद दो लोग देवेंद्र को बाइक से शहर ले आने के लिए राजी हुए। इन्हें एंबुलेंस भी शहर के नजदीक आने पर करीब घंटे भर बाद ही मिली। विधायक के साथ ही मौके पर पुलिस और प्रशासन की तमाम गाड़ियां खड़ी थीं, लेकिन किसी ने भी जिंदगी के लिए गुहार लगाते देवेंद्र की मदद नहीं की। शहर के हॉस्टिपल की दहलीज पर पहुंचकर देवेंद्र ने दम तोड़ दिया।
विधायक जी कोसते रहे पुलिस-प्रशासन को
उसकी मौत ने विधायक की पत्थरदिली के साथ ही सरकारी महकमे की बेशर्मी और तमाशबीन बने समाज की बेदर्दी भी दिखाई। यह अलग बात है कि विधायक जी इस मौके पर अपना ही दुखड़ा रोते रहे और उन्होंने सरकार में होने के बावजूद पुलिस और प्रशासन पर मनमानी के गंभीर आरोप लगाए।