आगराः मथुरा के जवाहर बाग में पुलिस की कार्रवाई में घायल होने के बाद गिरफ्तार किए गए रामवृक्ष यादव के साथी उसी पर बंधक बनाने का आरोप लगा रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि वे गरीब हैं। रोटी, कपड़ा और मकान का लालच दिखाकर रामवृक्ष के लोग उन्हें जवाहर बाग लेकर आते थे। फिर यहां उन्हें बंधक की तरह रखा जाता था।
हथियारबंद लोग डराते थे
जवाहर बाग में पुलिस की कार्रवाई में घायल हुए करीब 55 लोग आगरा के अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें ज्यादातर बुजुर्ग और बच्चे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती लोगों का कहना था कि कई बार उन्होंने बाग से निकलने की कोशिश की, लेकिन रामवृक्ष के हथियारबंद पहरेदार उन्हें निकलने नहीं देते थे। बाग का एक ही गेट था और भागने का कोई रास्ता नहीं था। उन्हें ये कहकर भी डराया जाता था कि बाहर निकलोगे तो पुलिस पकड़कर जेल भेज देगी।
गरीबी की वजह से जाल में फंसे
कई लोगों ने बताया कि गरीबी की वजह से वे रामवृक्ष के जाल में फंसे। उनके पास अनाज और घर नहीं था। रामवृक्ष के लोग उनसे कहते कि जवाहर बाग चलो। वहां सस्ता अनाज, सस्ते कपड़े और रहने की जगह मिलेगी। यहां उन्हें सत्याग्रही बताया जाता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा जाता। साथ ही हर रोज समानांतर सरकार बनाने की बात रामवृक्ष इन लोगों को समझाता था।
ये हैं एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती
शिशुपाल, सुनील, राधेश्याम, रामलाल, लाखन, जगदीश, विजयपाल, नरपत, ऋषि पाल, बद्री पाल, नंदलाल, देव सिंह, सौमेंद्र, कौशल किशोर, वीर बहादुर, सियाराम, लालबिहारी, अनमोल, सुनीता, कंचन, श्रीनाथ, राम बिहारी, श्रीनाथ, कपिल, रामनारायन, अनुज सिंह और मिंटू के अलावा अन्य लोग भी एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। ये सभी पूर्वी यूपी के रहने वाले हैं।