#MeToo : चौतरफा घिरे एमजे अकबर ने ईमेल से भेजा अपना इस्तीफा !

Update: 2018-10-14 08:58 GMT

नई दिल्ली : 'मी टू' अभियान में 10 महिला पत्रकारों के सेक्शुअल हैरसमेंट के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार अकबर ने विदेश दौरे से लौटते ही अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी को ईमेल भेजकर अपना इस्तीफा दिया है।

वहीं बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक अकबर के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और उनका मंत्री पद पर बने रहना सही नहीं है। लेकिन इसपर अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही करेंगे।

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जानिए अभीतक का घटनाक्रम

यौन शोषण के आरोपों में घिरे एम जे अकबर से एयरपोर्ट से निकलने के बाद जब मीडिया ने उनसे अपने ऊपर लग रहे यौन शोषण के आरोपों पर सवाल पूछा तब वे दो टूक जवाब देते हुए वहां से आगे बढ़ गये।

उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इस मामले पर अपना बयान जारी करेंगे। लेकिन उससे पहले वे पार्टी के कुछ सीनियर लीडर्स से इस विषय पर बात करेंगे। तभी जाकर वे इस पूरे मामले पर अपना ठीक से जवाब दे पायेंगे।

सूत्रों के मुताबिक़ वे किसी भी समय पार्टी आलाकमान के पास अपना पक्ष रखने के लिए जा सकते है। ऐसे में इस बात का भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि बीजेपी संभवत: उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई भी कर सकती है। उनसे उनका पद भी छिना जा सकता है।

क्या था मामला

गौरतलब है कि एक विदेशी महिला पत्रकार ने केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। उसने कहा है कि जब वे 2007 में 18 साल की थी और ‘द एशियन एज’ में इंटर्नशिप कर रही थी तो अकबर ने उनके साथ गलत व्यवहार किया था। उसका कहना है कि वे अपने पैरेंट्स के जरिये अकबर से 1990 में मिली थी। उस वक्त अकबर फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट के रूप में दिल्ली में सेवारत थे।

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कांग्रेस ने मोदी से अकबर पर चुप्पी तोड़ने के लिए कहा

कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर पर चुप्पी तोड़ने को कहा। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, "यह महिला की गरिमा और सुरक्षा का सवाल है। उम्मीद यही की जाती है कि कि मामले से संबद्ध मंत्री तत्काल स्पष्टीकरण देंगे।"

शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "लेकिन, इसके साथ ही यह प्रधानमंत्री का भी कर्तव्य है, संवैधानिक कर्तव्य और नैतिक कर्तव्य है कि वह मुद्दे पर बोलें। मूल सवाल यह है कि आखिर प्रधानमंत्री ने चुप रहने का क्यों फैसला किया है। देश को बताइये कि आप का क्या नजरिया है।"

इससे पहले रविवार को अपने आधिकारिक विदेश दौरे से लौटे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एम.जे. अकबर ने कहा कि आरोपों के संबंध में वह बयान जारी करेंगे।

कई महिला पत्रकारों ने अकबर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने (अकबर ने) संपादक रहने के दौरान उनका यौन उत्पीड़न किया था।

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