नई दिल्लीः राज्यसभा चुनावों के बाद अब मोदी सरकार संसद में जीएसटी बिल पर आर-पार के मूड में आ गई है। सूत्रों के अनुसार सरकार 12 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मॉनसून सत्र में जीएसटी बिल को हर हाल में पास कराने की तैयारी में हैं। इसके लिए फ्लोर मैनेजमेंट शुरू हो गया है और बिल को पास कराने के लिए सरकार विपक्ष के सहयोग से वोटिंग में कांग्रेस को हराने की तैयारी के लिए कमर कस रही है।
क्या कर रही है सरकार?
-बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की।
-उन्होंने जीएसटी बिल पास कराने में सभी दलों का सहयोग मांगा।
-सूत्रों के अनुसार सरकार फ्लोर मैनेजमेंट में जुट गई है।
-इसके लिए कांग्रेस और जेडीयू जैसों को छोड़कर बाकी विपक्षी दलों से संपर्क साधा गया है।
राज्यसभा में अटका है बिल
-पीएम नरेंद्र मोदी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि जीएसटी बिल पास कराना सरकार की प्राथमिकता है।
-ये बिल लोकसभा से पास हो चुका है, लेकिन संख्याबल की वजह से सरकार राज्यसभा में पास नहीं करा सकी।
-पिछले सत्र में भी सरकार ने जीएसटी बिल पास कराने की कोशिश की थी, लेकिन नाकामी हाथ लगी।
-नए सदस्यों के राज्यसभा में चुनकर आने से सरकार को समर्थन की उम्मीद भी बढ़ी है।
कौन-कौन हैं समर्थन में?
-प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जीएसटी बिल पास कराने में देरी पर चिंता जताई है।
-केरल के सीएम पी. विजयन भी अरुण जेटली से इस मसले पर चर्चा में समर्थन जता चुके हैं।
-जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके समर्थन दे या वोटिंग में हिस्सा न ले तो बिल पास हो सकता है।
क्या है राज्यसभा का गणित?
-राज्यसभा में सदस्यों की मौजूदा संख्या 241 है।
-जीएसटी बिल के पक्ष में जयललिता की पार्टी के 12 सांसद वोट न दें तो 163 सांसदों का समर्थन चाहिए होगा।
-कांग्रेस समेत यूपीए के सांसदों की संख्या 65 रह जाएगी।
-कांग्रेस के 4 सदस्य और जेडीयू के भी तीन सदस्य कम हो गए हैं।