माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल में गोली मारकर हत्या, पत्नी ने जताई थी आशंका

Update: 2018-07-09 03:41 GMT

लखनऊ: यूपी के कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की सोमवार सुबह बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। रविवार को ही मुन्ना को झांसी से बागपत जेल लाया गया था। मुन्ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत की अदालत में पेशी होनी थी। सरकार ने घटना की जुडिशियल इन्क्वायरी के आदेश दिए हैं।

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने खुद कहा कि इस घटना की निष्‍पक्ष ज्‍यूडिशयल जांच की जाएगी। इसमें जो भी शामिल होगा, उसे बख्‍शा नहीं जाएगा।

मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने 29 जून को राजधानी स्थित प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस कर पति के हत्या की आशंका जताते हुए आरोप लगाया था कि झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी के ऊपर जानलेवा हमला किया गया है। खाने में जहर देकर हत्या का प्रयास भी हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि यूपी पुलिस और एसटीएफ उनके पति का एनकाउंटर करना चाहती है।

इन पर गिरी गाज

मुन्ना बजरंगी हत्याकांड से पुलिस, जेल और अपराध जगत में हड़कंप मच गया है। घटना के बाद बागपत जेल के जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, डेड वार्डर अरजिंदर सिंह, वार्डर माधव कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार के मुताबिक प्रकरण में एफआईआर दर्ज हो रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस को मुन्ना बजरंगी की हत्या में गैंगस्टर सुनील राठी और उसके शूटर पर शक है, सुनील राठी को भी चार दिन पहले उत्तराखंड से बागपत जेल शिफ्ट किया गया है।

ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या सरकार एसटीएफ के उस अधिकारी पर कार्रवाई करेगी, जिसका मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने कुछ दिन पूर्व की प्रेस कांफ्रेंस में नाम लिया था और उनके इशारे पर पति के हत्या की आशंका जताई थी। बहरहाल, मुन्ना बजरंगी की हत्या जेल में होने से जेल के सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है।

क्या कहते हैं एडीजी जेल?

अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) जेल, चंद्रप्रकाश का कहना है कि मुन्ना बजरंगी की सुबह 6 बजे जेल में झगड़े के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। सुनील राठी ने गोली मारी और हथियार गटर में फेंक दिया। अब मुन्ना बजरंगी का पैनल पोस्टमार्टम होगा।

जौनपुर जिले में जन्मा था मुन्ना बजरंगी

1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरे दयाल गांव में जन्मे मुन्ना बजरंगी के पिता हमेशा से चाहते थे कि वो एक बड़ा आदमी बने लेकिन अपने पिता के अरमानों को कुचलते हुए मुन्ना बजरंगी ने जुर्म की दुनिया को चुना। इस दुनिया में कदम रखते ही उसे जौनपुर के दबंग गजराज सिंह का साथ और संरक्षण मिल गया। इसके बाद मुन्ना बजरंगी ने काफी लूटपाट और हत्याओं को अंजाम दिया। इसी दौरान उसने जौनपुर के बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह की हत्या कर दी। यही नहीं, मुन्ना बजरंगी ने मुख्तार अंसारी के फरमान के बाद बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या 29 नवंबर 2005 को की थी।

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