नारायण दत्त तिवारी : एक नेता जिसने जीवन का भरपूर रस लिया

Update: 2018-10-18 11:21 GMT

लखनऊ : पूर्व केंद्रीय मंत्री और वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी नहीं रहे। ऐसे में बहुत से किस्से हैं जो एक बार फिर सियासी गलियारों में जीवंत हो उठे हैं। आइए जानते हैं उनके इन्हीं किस्सों के बारे में....

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वो अंतिम राजनैतिक तस्वीर

वर्ष 2017 में नारायण दत्त तिवारी को अपने बेटे रोहित और पत्नी उज्ज्वला के साथ दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने पहुंचे। जिसके बाद चर्चा होने लगी की वो सपरिवार बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।

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जब बुढ़ापे में बने दूल्हा

रोहित शेखर नाम के युवक ने वर्ष 2008 में उन्हें अपना जैविक पिता बताते हुए मुकदमा कर दिया था। तिवारी ना सिर्फ रोहित के दावे का लगातार खंडन करते रहे है, बल्कि कानूनी दांव-पेंच का सहारा लेकर अपने खून का नमूना देने से भी बचते रहे।

तिवारी की इन कोशिशों के बावजूद उन्हें कोर्ट की सख्ती के आगे झुकना पड़ा और 29 मई 2012 को पुलिस की मदद से उनके खून का सैंपल ले लिया गया। डीएनए रिपोर्ट का नतीजा 27 जुलाई को सबके सामने आ गया। इसके बाद तिवारी की कोर्ट में हार हुई और उन्होंने रोहित को अपना बेटा मान लिया। 88 साल की उम्र में उन्होंने रोहित की मां उज्जवला शर्मा से विवाह किया। उज्ज्वला शर्मा पूर्व रक्षा राज्यमंत्री शेरसिंह की बेटी हैं।

अकेले नेता जिन्होंने दो राज्यों में सीएम पद संभाला

तिवारी अकेले नेता हैं जो दो राज्यों के सीएम रहे हैं। यूपी के तीन-तीन बार सीएम रहे। वहीं उत्तराखंड के पहले सीएम बनाए गए। जब उनके नेतृतव में कांग्रेस चुनाव हारी तो आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बना उनका समायोजन किया गया।

राज्यपाल रहते आए विवादों में

नारायण दत्त तिवारी सेक्स स्कैंडल में भी फंस चुके हैं। तिवारी के आंध्रप्रदेश के राज्यपाल के पद पर रहते हुए एक तेलुगू समाचार चैनल ने एक घंटे तक ऐसी तस्वीरें और वीडियो प्रसारित किए, जिनमें 85 वर्षीय तिवारी जैसे दिखने वाले एक शख्स को तीन युवा लड़कियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था।

इस वीडियो में राधिका नाम की महिला को कहते दिखाया गया है कि उसने तिवारी के आग्रह पर उनके एक सहयोगी के माध्यम से इन युवतियों को राजभवन भेजा था। राधिका ने बताया कि वह यह खुलासा इसलिए कर रही है क्योंकि राज्यपाल ने बदले में उसे आंध्रप्रदेश में लौह अयस्क खदान के लिए लाइसेंस दिलाने का वादा किया था, पर वादा पूरा नहीं किया।

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