लखनऊः कह रहीम कैसे निभे बेर केर के संग, वे डोलत रस आपनों उनके फाटत अंग। उत्तर प्रदेश कैडर के दो आईएएस अफसर इन दिनों इस दोहे का यथार्थ भुगत रहे हैं। कभी नोएडा में तैनाती के दौरान वहां के चर्चित इंजीनियर यादव की नजदीकियां जल्द ही इन दोनों आईएएस अफसरों के लिए परेशानी का सबब बनने वाली हैं।
जल्द ही सीबीआई की जद में आ सकते हैं दोनों अफसर
-यादव सिंह के खिलाफ चल रही सीबीआई जांच की जद में जल्द ही ये दोनों अफसर आने वाले हैं।
-नोएडा में सभी नियमों को बला-ए-ताक रख बसपा से लेकर सपा तक के राज में अपनी सत्ता चलाने वाले कुबेर इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ इन दिनों सीबीआई जांच चल रही है।
-जूनियर इंजीनियर की तालीम पाने वाले यादव सिंह ने डिग्री पाने की प्रत्याशा में नोएडा अथार्रिटी में चीफ इंजीनियर का ओहदा हासिल कर लिया था।
-हद तो यह थी अथॉरिटी के अफसर यादव सिंह को न कहने की स्थिति में नहीं थे।
-यूपी कैडर के 81 और 87 बैच के दोनों अधिकारी नोएडा में यादव सिंह के उत्कर्ष काल में तैनात रहे।
-इन्होंने यादव सिंह के लिए उसी तरह काम किया है जिस तरह पूर्व आईएएस नीरा यादव के लिए यूपी कैडर के आईएएस अफसर राजीव कुमार ने काम किया था।
-नीरा यादव के खिलाफ हुई सीबीआई जांच की जद में राजीव कुमार आए और अभी भी परेशानी झेल रहे हैं।
-यादव सिंह की जांच की जद में भी 81 और 87 बैच के दोनों अफसर आ गए हैं।
क्या हैं सीबीआई के पास सबूत
सीबीआई को मिले दस्तावेज बताते हैं कि यादव सिंह के सम्राज्य खड़ा करने में इन अफसरों ने जाने-अनजाने खूब मदद की है। यादव सिंह के कई कारनामों को अंजाम देने वाली फाइल पर इन दोनों अफसरों के दस्तखत भी रहे हैं।
सीबीआई जल्द ही इन्हें पूछताछ के लिए बुलाने वाली है। सीबीआई के हाथ लगे दस्तावेज बताते हैं कि इन अफसरों को भी इस जांच की आच का सामना करना पडेगा और नोएडा में तैनाती के दौरान इनके द्वारा लिए गए फैसले इन्हें कटघरे में खड़ा करने के लिए पर्याप्त हैं।