वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद प्रायोजक देशों की सूची में उत्तर कोरिया को फिर से डाल दिया है। उन्होंने कहा कि उनका देश उत्तर कोरिया को चरमपंथ का समर्थन (स्पॉन्सर ऑफ टेररिज़्म) करने वाले देशों की सूची में दोबारा शामिल कर रहा है। करीब नौ साल पहले उत्तर कोरिया का नाम इस लिस्ट से हटा दिया गया था। अपने इस फ़ैसले का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा कि यह काम काफी वक्त पहले कर दिया जाना चाहिए था।
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राष्ट्रपति ट्रंप ने कैबिनेट मीटिंग में कहा कि इस कदम के बाद उत्तर कोरिया पर 'बड़े पैमाने' पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जिनका ऐलान आज संभव है। ट्रंप ने उत्तर कोरिया को इस सूची में शामिल करने के लिए उसके परमाणु कार्यक्रम और 'अतंरराष्ट्रीय स्तर पर चरमपंथ की कार्रवाई' के समर्थन को ज़िम्मेदार बताया।
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उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को अनदेखा करते हुए परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम जारी रखा हुआ है। इसी साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाए थे। प्रतिबंध का मसौदा अमेरीका ने तैयार किया था, जिसे चीन और रूस समेत सभी 15 सदस्यों ने मंजूरी दी। इन प्रतिबंधों के जरिए उत्तर कोरिया के आय के स्रोत बंद करने की कोशिश की गई. इसके तहत उत्तर कोरिया से कपड़े के निर्यात, तय सीमा तक कच्चे तेल के आयात और विदेश में मौजूद किम जोंग उन की संपत्ति को फ्रीज़ किया गया था। उत्तर कोरिया ने अपना छठा परमाणु परीक्षण किया और मिसाइल लांच करना जारी रखा।
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ध्यान देने वाली बात यह है कि ट्रंप की ताज़ा घोषणा के बाद अब उत्तर कोरिया उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्हें लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चरमपंथ को समर्थन देने वाला देश माना जाता है। ईरान, सूडान और सीरिया भी इस सूची में शामिल हैं। इससे पहले साल 2008 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन ने उत्तर कोरिया को इस सूची से हटा लिया था। इस दौरान उत्तर कोरिया के साथ परमणु कार्यक्रम पर रोक लगाने पर बात हो रही थी।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अपनी परमाणु योजना को खुलकर सामने रखते हैं कि उत्तर कोरिया ऐसी मिसाइल विकसित करना चाहता है, जिसकी पहुंच अमेरीका तक हो।