EXCLUSIVE: उरी अटैक रोक सकती थी UP पुलिस, ALERT मिलने के बाद भी रही चुप

Update: 2016-09-22 03:26 GMT

Desh Deepak Gangwar

बरेली: कश्मीर के उरी में रविवार को हुए आतंकी हमले को रोका जा सकता था। यूपी पुलिस को हमले से एक हफ्ते पहले ही अलर्ट मिल गया था। अगर समय रहते यूपी पुलिस इनफार्मेशन आगे बढ़ा देती तो शायद 18 जवानों की जान बचाई जा सकती थी।

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रामपुर के एक युवक को ओमान की एक महिला ने फेसबुक पर आतंकी हमले की जानकारी 8 सितंबर को ही दी थी।

युवक ने एसएसपी रामपुर को इसकी सूचना दी थी। रामपुर के एसपी ने आईजी जोन विजय सिंह मीना को लेटर लिखा था, युवक ने अहम दस्तावेज का प्रिंट आउट भी एसपी रामपुर के सुपुर्द किया था। इसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया। (newstrack.com के पास सारे डॉक्युमेंट्स मौजूद हैं)

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क्‍या है पूरा मामला

-रामपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान ने एक लेटर 8 सितंबर को एसपी रामपुर को रजिस्टर्ड डाक के जरिए भेजा था।

-इसमें उसने लिखा था कि मैं फेसबुक के माध्यम से सोशल मीडिया पर एक्टिव रहता हूं। मेरा कान्टेक्ट नंबर फेसबुक प्रोफाईल में एड है।

-वही मेरा व्हाट्सएप नंंबर भी है। ओमान से एक महिला ने मेरे व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज किया।

-उसने मुझे बताया कि इरफान यूसुफ नाम के पाकिस्तानी शख्स के बारे में जानकारी दी, जो कश्मीर में आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।

उरी में शहीद हुए 18 जवान

रविवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकी हमला हुआ। इसमें 18 जवान शहीद हो गए। चार आतंकवादी मारे गए। हमले में पाकिस्तानी हाथ बताया जा रहा है। एनआईए मामले की जांच में जुटी है।

आगेे की स्‍लाइड्स में देखें आेमान की महिला की चैट...

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