यूपी: विपक्ष ने नहीं किया संसदीय परंपरा का पालन, सेंट्रल हॉल बना प्रतीकात्मक सदन

उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को पूरे विपक्ष ने संसदीय परंपरा का निर्वाह नहीं करते हुए शोक प्रस्ताव से भी खुद को अलग रखा।

Update: 2017-07-24 09:13 GMT
यूपी: विपक्ष ने नहीं किया संसदीय परंपरा का पालन, सेंट्रल हॉल बना प्रतीकात्मक सदन

लखनउ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार (24 जुलाई) को पूरे विपक्ष ने संसदीय परंपरा का निर्वाह नहीं करते हुए शोक प्रस्ताव से भी खुद को अलग रखा। संभवत: यूपी विधानसभा के इतिहास में ये पहली घटना होगी जब शोक प्रस्ताव का भी बहिष्कार विपक्ष की ओर से किया गया।

पूरे विपक्ष ने सदन की कार्यवाही से खुद को बाहर रखा और विरोध स्वरूप टंडन सेंट्रल हॉल में प्रतीकात्मक सदन चलाया। वहीं विधान सभा मे संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने शोक प्रस्ताव रखा। बीजेपी विधायक मथुरा पाल का शनिवार को निधन हो गया था।

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पहले विपक्षी दलों की बैठक में सपा के राम गोविंद चौधरी, कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू और बसपा के लालजी वर्मा ने फैसला लिया कि सदन में दिवंगत बीजेपी विधायक मथुरा पाल के निधन पर सदन में शोक नहीं व्यक्त करेंगे। विपक्षी दलों ने विधानसभा के सेंट्रल हाल को प्रतीकात्मक सदन बनाया और वहीं शोक व्यक्त किया।

विपक्ष के प्रतीकात्मक सदन में बसपा के लालजी वर्मा को पीठाधीश्वर बनाया गया और पूरी कार्यवाही का संचालन उन्होंने ही किया। कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू, विधानसभा में विपक्ष के नेता सपा से राम गोविंद चौधरी और बसपा के उमाशंकर सिंह ने शोक प्रस्ताव पढ़ा और दो मिनट का मौन रखा। विरोधी दल के नेताओ ने शोक संवेदनाएं प्रकट की।

विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सत्त्ता पक्ष के लोग विरोधी पार्टी के लोगों को धमका रहे हैं। इसीलिए पूरे विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया है। शोक प्रस्ताव के बाद प्रतीकात्मक सदन की बैठक स्थगित कर दी गई। विपक्षी नेताओं ने कहा कि वो आगे की रणनीति के लिए 26 जुलाई को फिर मिलेंगे।

प्रतीकात्मक सदन में बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में मथुरा पाल के निधन पर नेता सदन और सीएम योगी आदित्यनाथ की गैरहाजिरी पर भी सवाल उठाया और कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब वर्तमान विधायक के निधन पर नेता सदन ने विधानसभा मे शोक संदेश नहीं पढ़ा।

जिन विधायकों की बदौलत योगी आदित्यनाथ सीएम बने उनमें से किसी एक के निधन पर बोलने के लिए योगी जी के पास 2 मिनट भी नहीं थे। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सीएम अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। सीएम जहां जाते हैं उनके पहुंचने से पहले ही बड़ा अपराध वहां पहुंच जाता है।

दिखी सपा-बसपा की दोस्ती

विपक्ष के संसदीय परंपराओं के निर्वाह नहीं करने और सदन के अपमान के बावजूद यह पहला मौका है जब सपा और बसपा एक मंच पर एक साथ दिखाई दिए। सपा ने भी इस मामले में दरियादिली दिखाई और प्रतीकात्मक सदन का अध्यक्ष बसपा के लालजी वर्मा को बनाया। दोनों दलों की होती दिख रही दोस्ती आगे क्या गुल खिलाएगी इस पर राजनीतिक प्रेक्षकों की नजरें लगी हैं।

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