नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने शुक्रवार को संकेत दिए कि अगर कच्चे तेल की कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे नहीं रहेगी, तो 15 जून को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के अलावा और कोई रास्ता नहीं रहेगा। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल कच्चा तेल प्रति बैरल 50 डॉलर तक पहुंच गया है। ये 11 महीने का उच्चतम स्तर है।
पेट्रोल-डीजल होगा और महंगा
-कच्चा तेल महंगा होने पर पेट्रोल में 3 रुपए प्रति लीटर बढ़ोतरी हो सकती है।
-डीजल की कीमत भी 2 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ने के आसार हैं।
-केरोसीन की कीमत में भी इजाफा कर सकती हैं पेट्रोलियम कंपनियां।
क्या कहा सरकार ने?
-वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि कच्चे तेल के दाम महंगाई पर भी असर डालते हैं।
-आयात का खर्च भी कम करने में इससे मदद मिलती है।
-कच्चा तेल 40 से 60 डॉलर के बीच रहे तो अर्थव्यवस्था के लिए ठीक रहेगा।
कितना महंगा हुआ है कच्चा तेल
-कच्चे तेल का भारतीय बास्केट 1 महीने में 2 डॉलर तक महंगा हुआ है।
-इसकी वजह से पेट्रोल करीब साढ़े 3 रुपए और डीजल 3 रुपए प्रति लीटर महंगा हुआ है।
-कच्चा तेल 1 डॉलर महंगा होने पर हर साल 9126 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होते हैं।
-भारत कच्चे तेल के खपत का 80 फीसदी आयात से पूरा करता है।
कब और कितना खर्च किया?
-2015-16 में कच्चे तेल के इंपोर्ट पर 63.96 अरब डॉलर खर्च किए गए।
-2014-15 में 112.7 अरब डॉलर खर्च हुए।
-2013-14 में 143 अरब डॉलर खर्च करने पड़े।
-मौजूदा वित्त वर्ष में कच्चा तेल 48 डॉलर प्रति बैरल रहा तो 66 अरब डॉलर खर्च करने होंगे।