दुविधा में सोनिया, 29 को कांग्रेस संवाद में प्रियंका के आने पर संशय

Update: 2016-07-21 20:32 GMT

नई दिल्लीः 29 जुलाई को लखनऊ में होने जा रहे कांग्रेस के कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में प्रियंका गांधी के शामिल होने पर संशय है। वजह ये है कि उनकी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अभी से प्रियंका को चुनावी तैयारी संबंधी प्रोग्राम में उतारने को लेकर दुविधा में हैं। वहीं, यूपी कांग्रेस के कई उत्साही नेताओं का कहना है कि यूपी में 27 साल से बाहर कांग्रेस को फिर जिंदा करने के लिए प्रियंका को चुनाव प्रचार हाथ में लेना ही होगा।

आशंकाओं से घिरी हैं सोनिया

कांग्रेस ने बीते शनिवार से यूपी में पार्टी को पुनर्जीवित करने का जो अभियान चलाया है, उसमें प्रियंका गांधी की भूमिका अभी सामने नहीं आई है। प्रचार अभियान को राज्य संगठन, चुनाव अभियान समिति व समन्वय समिति के नेताओं तक ही सीमित रखा गया है। अभी यूपी के चुनाव प्रचार में 5 महीने बचे हैं। ऐसे में सोनिया गांधी आशंकाओं से घिरी हैं। जैसे ही प्रियंका मैदान में उतरेंगी, बीजेपी इसे लेकर राहुल पर निशाना साधेगी। बीजेपी पहले भी कह चुकी है कि राहुल 12 साल के संसदीय अनुभव के बाद भी कांग्रेस को दिशा नहीं दे सके, ऐसे में प्रियंका को उतारना कांग्रेस की मजबूरी है।

प्रियंका का यूपी में है क्रेज

बता दें कि कांग्रेस के पोल स्ट्रैटेजिस्ट प्रशांत किशोर ने कांग्रेस आलाकमान को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि यूपी में आम कांग्रेसियों और जनता में प्रियंका का क्रेज है। अगर प्रियंका मैदान में उतरीं तो कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक भी लौटेगा। वह तो प्रियंका को सीएम फेस भी बनाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने इसके लिए शीला दीक्षित को आगे कर दिया। वैसे यूपी कांग्रेस में हाल की तमाम नियुक्तियों में प्रियंका की सलाह अहम रही है।

प्रियंका रोल जरूर निभाएंगी

प्रियंका को लेकर कांग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता जुबान नहीं खोल रहा। वैसे सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ हफ्ते तक ग्रासरूट पर कांग्रेस को मजबूत किया जाएगा। इसके बाद अगले दौर में प्रियंका, पार्टी की रैलियों, बूथ कमेटियों और कार्यकर्ताओं की बैठक में हिस्सा लेंगी। फिलहाल कांग्रेस अपने इस अंतिम तुरुप के पत्ते को सार्वजनिक नहीं करना चाह रही है।

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