नई दिल्ली: बीते दिनों पाक अधिकृत कश्मीर ( पीओके ) में अपनी पार्टी की जीत के बाद पीएम नवाज शरीफ ने अति उत्साहित होकर भारत के कब्जे वाले कश्मीर को भी लेने की बात कही थी, आज उसकी हवा निकलते दिख रही है। क्योंकि पीओके में चुनाव की निष्पक्षता पर ही अब सवाल उठने लगे हैं। इसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। लोग सड़कों पर उतरकर जगह-जगह आगजनी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 21 जुलाई को संपन्न हुए चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग को 41 में से 32 सीटों पर जीत हासिल की थी। चुनावी नतीजों के विरोध में मुजफ्फराबाद, चिनारी, कोटली, और मीरपुर में लोग सड़कों पर उतर जमकर प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले हिजबुल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद भी पाक पीएम ने भरत के खिलाफ काफी जहर उगले थे।
पीओके चुनाव होता है फिक्स
-प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें चुनाव में वोट देने नहीं दिया गया।
-आरोप है कि पीओके चुनाव को हमेशा से सत्ताधारी दल के हिसाब से फिक्स किया जाता रहा है।
-स्थानीय लोगों ने आईएसआई और दूसरी एजेंसियों पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है।
वोट के लिए नोट का जमकर इस्तेमाल
-इस संबंध में पीओके के पूर्व पीएम और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के नेता बैरिस्टर सुल्तान मोहम्मद चौधरी ने कहा, चुनाव में भारी हेराफेरी हुई है।
-उन्होंने कहा, मतदाताओं को खरीदने के लिए जमकर पैसे बांटे गए।
-मीरपुर इलाके में मतदाताओं को पैसे देने के मामले सामने आए हैं।
वोट देने का अधिकार एक मजाक
-एक स्थानीय नागरिक ने बताया, साल 2011 में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने पीओके में सरकार बनाई थी क्योंकि तब पाक सत्ता उसके हाथ में थी।
-यहां लोगों को वोट देने का अधिकार एक मजाक है।
-यहां केवल चेहरे बदलते हैं, हमेशा हमें मूर्ख बनाया जाता है।