महोबाः अतरार गांव में मजदूर के परिवार का राशन कार्ड रद्द करने के मामले में newztrack.com की खबर का असर हुआ है। प्रशासन ने हरकत में आते हुए पीड़ित परिवार को शनिवार को अनाज दिया। वहीं, कई दिन से भोजन न करने वाले बुजुर्ग को जिला अस्पताल में दाखिल कराया। इसके साथ ही राशन कार्ड रद्द करने के आरोपी कोटेदार को एसडीएम ने पुलिस के हवाले कर दिया है। पूरे मामले की जांच जारी है।
क्या है मामला?
-अतरार गांव के मजदूर गोपाल सिंह का राशन कार्ड प्रधान और कोटेदार ने मिलकर रद्द करा दिया था।
-इसकी वजह से गोपाल के घर में अनाज नहीं बचा था और पिता ने 10 दिन से कुछ नहीं खाया था।
-घर के बाकी सदस्य पड़ोसियों से मांगकर सूखी रोटियां खा रहे थे।
-इस खबर को newztrack.com ने प्रमुखता से उठाया था।
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प्रशासन ने क्या कदम उठाया?
-एसडीएम सदर नन्हकू ने टीम भेजकर पूरे मामले की जानकारी ली थी।
-प्रशासन ने पाया कि गोपाल के परिवार को खाद्य सुरक्षा का लाभ नहीं मिल रहा था।
-एसडीएम ने इस पर कोटेदार अनुरोध वाजपेयी को पुलिस के हवाले कर दिया और जांच बिठा दी।
-कोटेदार का कहना है कि गोपाल के परिवार को संपन्न बताकर सचिव ने राशन कार्ड रद्द करवाया।
-उसने कहा कि मुझे जो लिस्ट भेजी गई, उसके आधार पर गोपाल को राशन नहीं दिया।
क्या कह रहा है आरोपी ग्राम प्रधान?
-गोपाल का राशन कार्ड रद्द होने के मामले में ग्राम प्रधान पर रंजिश का आरोप लगा है।
-ग्राम प्रधान महेंद्र पटेरिया ने कहा कि गोपाल अकेला गरीब नहीं है, जिसका राशन कार्ड रद्द हुआ है।