यहां देखें: अफवाहों पर ना दें ध्यान, GST से जुड़े 7 मिथक पर ये है सच्चाई

देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के एक दिन बाद रविवार (02 जुलाई) को केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने नई टैक्स व्यवस्था के बारे में कई गलतफहमियों को दूर किया।

Update:2017-07-02 22:14 IST

नई दिल्ली: देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के एक दिन बाद रविवार (02 जुलाई) को केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने नई टैक्स व्यवस्था के बारे में कई गलतफहमियों को दूर किया। अढ़िया ने ट्वीट किया, "जीएसटी के बारे में सात मिथक चल रहे हैं, जो सही नहीं हैं। मैं उन्हें बारी-बारी से बताना चाहता हूं कि मिथक क्या है और वास्तविकता क्या है। कृपया इन पर गौर करें।"

यह भी पढ़ें .... GST Full Report: जानिए किसपर कितना % GST रेट लागू, क्या हुआ सस्ता, किसके बढ़े दाम ?

अढ़िया ने लोगों को अफवाहों के चक्कर में न पड़ने के लिए चेताया और कई सारे ट्वीट में कहा कि जीएसटी का क्रियान्वयन और अनुपालन पारदर्शी होगा।

यह भी पढ़ें .... भारत की आर्थिक आजादी, देश भर में लागू हुआ गुड एंड सिंपल टैक्स

उन्होंने कहा, "जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर चिंतित होने की कोई जरूरत नहीं है, बड़ी आईटी अवसंरचना की जरूरत नहीं है। बी2बी को भी बड़े सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं है। हम मुफ्त सॉफ्टवेयर देंगे।"

अगली स्लाइड में जानिए अढ़िया ने जीएसटी के बारे में चल रहे मौजूद मिथकों और वास्तविकता के बारे में क्या बताया

मिथक: मुझे सभी इनवॉयस कंप्यूटर/इंटरनेट पर ही निकालने होंगे।

वास्तविकता: इनवॉयस हाथ से भी बनाए जा सकते हैं।

मिथक: जीएसटी के तहत कारोबार करने के लिए मुझे पूरे समय इंटरनेट की जरूरत होगी।

वास्तविकता: इंटरनेट की जरूरत सिर्फ मंथली जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के लिए होगी।

मिथक: मेरे पास प्रोविजनल आईडी है, लेकिन कारोबार करने के लिए अंतिम आईडी का इंतजार कर रहा हूं।

वास्तविकता: प्रोविजनल आईडी आपका अंतिम गुड्स एंड सर्विसेस टैक्सपेयर आइडेंटिफिकेशन नंबर (जीएसटीआईएन) संख्या होगा। कारोबार शुरू कीजिए।

यह भी पढ़ें .... PM मोदी बोले- अमेरिकी बिजनेस स्कूलों में अध्ययन का विषय हो सकता है GST

मिथक: मेरे कारोबार से संबंधित वस्तुएं पहले कर मुक्त थीं, इसलिए मुझे अब कारोबार शुरू करने से पहले तत्काल नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी।

वास्तविकता: आप कारोबार जारी रख सकते हैं और 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन करा लीजिए।

मिथक: हर महीने तीन रिटर्न दाखिल करने होंगे।

वास्तविकता: तीन हिस्सों वाला सिर्फ एक ही रिटर्न है, जिसमें से पहला हिस्सा कारोबारी द्वारा दाखिल किया जाएगा और दो अन्य हिस्से कंप्यूटर द्वारा स्वत: दाखिल हो जाएंगे।

मिथक: छोटे कारोबारियों को भी रिटर्न में इनवॉयस वार विवरण दाखिल करने होंगे।

वास्तविकता: खुदरा कारोबारियों (बी2सी) को केवल कुल बिक्री का सार भरने की जरूरत होगी।

मिथक: नई जीएसटी दरें पहले के वैट से ज्यादा हैं।

वास्तविकता: यह उत्पाद शुल्क और अन्य करों के कारण ज्यादा लगती है, जो पहले नहीं दिखती थी, और अब जीएसटी में मिला दी गई है और इसलिए दिखाई दे रही है।



यह भी पढ़ें .... PM मोदी बोले- अमेरिकी बिजनेस स्कूलों में अध्ययन का विषय हो सकता है GST

--आईएएनएस

Tags:    

Similar News