पुस्तक विमोचन : योगी बोले- RSS न होता तो हम वंदे मातरम नहीं जान पाते

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर राम नाईक ने मंगलवार को लखनऊ स्थित साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पांच सरसंघचालकों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शिरकत की।

Update: 2017-10-10 14:08 GMT
पुस्तक विमोचन : योगी बोले- RSS न होता तो हम वंदे मातरम नहीं जान पाते

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर राम नाईक ने मंगलवार (10 अक्टूबर) को लखनऊ स्थित साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पांच सरसंघचालकों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शिरकत की। ये पुस्तकें प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित हैं।

क्या बोले सीएम योगी ?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर आरएसएस न होता तो क्या हम लोग राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम को जान पाते। आजादी के बाद तमाम सरकारों ने इसे तुष्टिकरण का रास्ता अपनाकर हतोत्साहित करने का काम किया।

योगी ने कहा कि जिसे अपने इसिहास का बोध नहीं वह अपने भूगोल की भी रक्षा नहीं कर सकता। यह कार्यक्रम अपने अतीत में झांकने का मौका दे रहा है।

संघ के पांचों सरसंघचालक वास्‍तव में इस राष्‍ट्र शरीर के पंच प्राण हैं। दुनिया के अंदर दूसरा ऐसा स्वयं सेवी संगठन नहीं, जो बिना सरकारी सहयोग के राष्ट्रीय भावनाओं को बढ़ाने का काम कर रहा है।

आरएसएस ने हम सबको एक दृष्टि दी कि हम व्यक्तिवादी, जातिवादी न बने। हमारी उपासना पद्धति कुछ भी सकती है पर धर्म राष्ट्र धर्म है। 1925 से संघ स्‍वत: स्‍फूर्त भाव से सांस्‍कृतिक राष्‍ट्रवाद को बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

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देश मे प्रधानमंत्रियों का एक लंबा दौर चला पर जब स्वयं सेवक के तौर पर नरेंद्र मोदी इस कुर्सी पर आते हैं तो इस दृष्टि को पूरी दुनिया ने देखा। इन पुस्‍तकों के माध्‍यम से कुछ लोगों द्वारा संघ के संबंध में फैलाई जाने वाली भ्रांतियों का निवारण होगा।

क्या बोले अमित शाह ?

अमित शाह ने कह कि आज मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए बड़ा दिन है। 1925 से लेकर 2017 तक कई उतार-चढ़ाव, तीन-तीन प्रतिबंध झेलकर यहां पहुंचा। कई बार लगा कि यह ज्योति बुझ जाएगी पर और प्रदीप्त होकर जली। डॉ. हेडगेवार ने जब संघ की स्थापना की, तब शाखा स्थापना के साथ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण से राष्ट्र गौरव के स्तर तक पहुंचा। विश्‍वभर में स्‍वधर्म और स्‍वराष्‍ट्र के लिए आत्‍मसम्‍मान की जागृति का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण संघ ने स्‍थापित किया है।

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जब संघ पर प्रतिबंध लगा और कोर्ट के माध्यम से संविधान मांगा गया तो पता चला कि संघ का कोई संविधान ही नहीं है। विश्वास के आधार पर चलता रहा। सरल प्रक्रिया से संगठन बना। वो जमाना जब मैं हिन्दू हूं यह कहना कठिन था तब उन्होंने कहा- गर्व से कहो हम हिन्दू हैं। व्यक्तियों का महत्व कभी संघ में नहीं रहा।

जब सवाल आया कि गुरु पूजा किसकी करें, तब निर्णय हुआ कि परंपरा का करें। ध्वज की करें। संघ के स्वयंसेवक अनेक क्षेत्रों में देश की सेवा कर रहे हैं।

समाजशास्त्र के प्रोफेसर से पूछो कि क्या ऐसी कोई संस्था है जो बिना चंदे के चले, तो वह हंसेगा। संघ बिना चंदे के चला। स्वयंसेवक अपना खर्चा काटने के बाद योगदान करता है। लोगों ने अपना शरीर पिघलाकर संघ को आगे बढ़ाया। इस पावर हाउस से बहुत से लोग निकले। मैं नाम नहीं लेना चाहता। वरना मीडिया को मसाला मिल जाएगा।

डॉ. हेडगवार ने इसकी नींव रखी जो राम रतन धन पायो जैसा है। संतो का कहना था कि जब सरसंघचालक गुरु जी से मिले तो हम खुद को बौना पाते थे। बाला साहेब के कारण ही हम संघ का यह रूप देख रहे हैं। सेवा को संघ के साथ जोड़ने का काम किया। संघ ने लोगों को स्‍व का बोध कराया, राष्‍ट्र, संस्‍कृति, परंपरा, भाषा का गौरव पुन: जागृत किया। अगर संघ को स्थापना से लेकर अब तक जानना है तो यह पांचों किताब पढ़ लो।

क्या बोले गवर्नर राम नाईक ?

राम नाईक ने कहा कि दीवाली के लिए यह सबसे बड़ा तोहफा आज मिला है। दुनिया का इन किताबों जरिए आरएसएस की विश्वसनीय जानकारी मिलेगी। किताब पैसे देकर ही खरीदनी चाहिए। तभी पढ़ने का मन बन पाता है। 1925 में संघ की स्थापना हुई। 87 साल के संघ के कामों के इस पुस्तक में लेखा जोखा...संस्मरण सुनाते हुए राम नाईक ने कहा कि संघ का काम करते-करते यूपी का गवर्नर बन गया। बड़ी मुश्किल है कि लोगों को समझ में नहीं आता कि संघ के लोग कैसे पागल की तरह काम करते रहते हैं, कभी झगड़ा नहीं करते। यह संघ सिखाता है।

इन पांच सरसंघचालकों के व्यक्तित्व पर लिखी गई किताबों का हुआ विमोचन

-डॉ. हेडगेवार

-श्रीगुरू

-बालासाहब देवरस

-रज्जू भैया

-सुदर्शन जी

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कार्यक्रम में ये भी रहे मौजूद ?

कार्यक्रम में यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, मंत्री अनुपमा जायसवाल, सांसद लालजी टंडन, मंत्री उपेंद्र तिवारी, मंत्री रीता जोशी, मंत्री सुरेश राणा, मंत्री धर्म पाल सिंह, मंत्री ब्रजेश पाठक, मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मंत्री आशुतोष टंडन समेत कई बीजेपी के नेता और मंत्री मौजूद रहे।

 

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