लखनऊ: यूपी के सीएम अखिलेश यादव के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल ने अमर सिंह पर हमला बोला। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि अमर सिंह ने परिवार में झगड़ा लगाया है। शुरू से ही वह पार्टी को बर्बाद करने पर आमादा हैं। वह मुलायमवादी है न कि समाजवादी।
राम गोपाल ने कहा कि उन्हें पार्टी से बाहर भी निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा नेताजी की सरलता का लोग फायदा उठा लेते हैं। वहीं बुधवार को सीएम अखिलेश ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि "बाहरी लोग हस्तक्षेप करेंगे तो पार्टी कैसे चलेगी?"
सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद रामगोपाल यादव ने कहा कि नेता जी की और सीएम साहब की बात हो जाएगी तब सब साफ़ हो जाएगा। उन्होंने मौजूदा हालात का जिक्र किए जाने पर कहा कि अभी तक बात कुछ बिगड़ने वाली नहीं है। राम गोपाल से पूछा गया कि क्या ऐसे लोगों पर कार्यवाही होगी। इस सवाल पर प्रोफेसर ने कहा कि कार्यकर्ता यही मांग कर रहे हैं कि ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने को इसे देखेंगे।
सीएम से मिलने के बाद क्या बोले राम गोपाल
-संसदीय बोर्ड की बैठक की कोई जरूरत नहीं है सीएम अखिलेश किसी से नाराज नहीं हैं।
-पहले भी उन्होंने काफी कुछ सुना है, लेकिन उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आई।
- सीएम अखिलेश यादव से अध्यक्ष पद से इस्तीफे की बात पर कहा कि वे इस्तीफा दे देते।
- हमें उनसे बात करनी चाहिए थी उनसे कहना चाहिए था कि चुनाव आ रहे हैं।
-आप सीएम पद पर बने रहें और प्रदेश अध्यक्ष का कामकाज श्ािवपाल को दे दें।
-लेकिन कुछ गलतफहमियों के चलते ऐसा नहीं हो पाया।
अखिलेश से बात करने से पहले राम गोपाल ने क्या कहा था...
अखिलेश से मिलने से पहले पत्रकारों से राम गोपाल ने क्या कहा था
-समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल ने गुरुवार को कहा कि सीएम अखिलश को अध्यक्ष पद से हटाकर गलती हुई है।
-सीएम से अध्यक्ष पद से इस्तीफा लेना चाहिए था। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अब पार्टी में सब कुछ ठीक (आॅल इज वेल) है।
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और क्या बोले राम गोपाल
-अखिलेश ने कुछ फैसले सीएम की हैसियत से लिए हैं।
-हर राजनैतिक पार्टियों में ऐसा होता रहता हैं।
-पार्टी में कंफ्यूजन हो गया है। राम गोपाल ने कहा कि संसदीय बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई गई है।
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-राम गोपाल गुरुवार को सीएम अखिलेश से मिलने लखनऊ आए थे।
- इस दौरान वीवीआईपी गेस्ट हाउस में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की।
-उनके बेटे अक्षय भी उनके साथ में थे।
- वह गुरुवार शाम या शुक्रवार को इटावा लौट जाएंगे।
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-मंत्री पद से हटाए गए और उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए शिवपाल यादव ने गुरुवार को कहा कि -मुझे भी 2011 में इसी तरह हटाकर अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था और उस वक्त मैंने कुछ नहीं कहा था।
-शिवपाल, अपने भाई राम गोपाल यादव के इस बयान का जवाब दे रहे थे कि अखिलेश को इस तरह हटाने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।
-उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई मुसीबत नहीं है। नेता जी मुलायम सिंह यादव जो भी जिम्मेदारी देंगे निभाना है।
-हमे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है हम निभाएंगे।
-उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बनाने और अखिलेश को हटाने को लेकर राम गोपाल यादव के बयान पर कहा कि यह तो नेता जी का फैसला है।
-नेता जी के फैसले को कोई चैलेंज नहीं कर सकता है।
-उन्होंने कहा कि पता नहीं था कि मुझे इतनी जल्दी अध्यक्ष बना दिया जाएगा।
-विभाग लिए जाने के सवाल पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यह फैसला तो सीएम का है।
-सीएम का अधिकार है। किस मंत्री को कौन सा विभाग देना है इस पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाया जा सकता ।
-उन्होंने कहा कि चुनाव का वक़्त है इसलिए पूरे परिवार को एक रहना चाहिए।
-अगले साल चुनाव के बाद सरकार बनानी है इसलिए हम नहीं चाहते है कि ऐसा कोई प्रश्न उठे।
-कोई भी व्यक्ति पद से न बड़ा होता है और ना छोटा। बड़ा होता है तो अपनी मेहनत और कर्म से।
-चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए हम मेहनत करेंगे। अब जो जिम्मेदारी दी गई है संगठन की वह स्वीकार है।
अमर सिंह हैं झगड़े की जड़ इस पर शिवपाल ने कहा
-झगड़े की जड़ अमर सिंह को बताने के सवाल पर शिवपाल उनका बचाव करते नजर आए। शिवपाल ने कहा कि सबको जोड़ने से संगठन को मजबूती मिलेगी।
-तोड़ने से मजबूती नहीं मिल सकती है। फिर किसी की भी हैसियत नहीं है कि कोई उनके फैसले को काटे।
-विभाग वापस दिए जा सकते हैं के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे सब कुछ स्वीकार है। पहले भी स्वीकार किया अब भी स्वीकार करेंगे ।
-चुनाव में क्या अखिलेश ही सीएम पद के चेहरे होंगे के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि अखिलेश अभी सीएम है।
-अभी चुनाव में जाना है। बहुमत फिर लाना है। सीएम कौन होगा यह सब बातें बहुमत के बाद की है।
-संविधान में राज्य का प्रभारी बनाने का प्रावधान नहीं है राम गोपाल के बयान पर शिवपाल ने कहा कि संविधान में लिखा है पार्टी अध्यक्ष को सब अधिकार है।
-वो शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे।
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सपा में संघर्ष
यूपी में सत्तारुढ़ मुलायम सिंह यादव के समाजवादी परिवार में पिछले सोमवार से चल रहा पारिवारिक संघर्षबुधवार को दिल्ली शिफ्ट हो गया। मंत्री पद छीने जाने से नाराज शिवपाल सिंह यादव के राजधानी आने की चर्चा थी लेकिन पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उन्हें दिल्ली बुला लिया।
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-तकरीबन 4 घंटें तक दिल्ली में चली चली बैठक में मुलायम ने शिवपाल को मना लिया।
-अब उन्हें उनके विभाग वासप मिलेंगे।
-इस बैठक में कारोबारी और राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा भी शामिल हुए।
-दिल्ली में नेताजी से मुलाकात के बाद बाहर आए शिवपाल यादव ने इस्तीफे की अटकलों से इंकार कर दिया।
-उन्होंने कहा, ”मैं मंत्री हूं और रहूंगा। संगठन में जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे भी निभाऊंगा।”
-शिवपाल के पास लोक निर्माण, सिंचाई,बाढ़ नियंत्रण,राजस्व, अभाव, सहायता एवं पुनर्वास और लोक सेवा प्रबंधन विभाग के -साथ ही सहकारिता विभाग था।
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धर्मसंकट में थे मुलायम
-सपा में मचे पारिवारिक संघर्ष को खत्म करना मुलायम के लिए बड़ी चुनौती थी।
-एक तरफ जहां उनके बेटे और यूपी के सीएम अखिलेश यादव थे वहीं दूसरी ओर उनके भाई शिवपाल यादव।
-ऐसे में उनके लिए धर्मसंकट था कि वह किसके साथ खड़े हों।
-मुलायम ने बुधवार को संतुलित तरीका अपनाते हुए शिवपाल को दिल्ली बुलाया और उन्हें मना लिया।
-उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष पहले ही बना दिया गया था अब उनसे छीने गए सभी विभाग भी उन्हें वापस मिल सकते हैं।
-पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपनी सूझबूझ से जहां पारिवारिक कलह के चलते आने वाली सुनामी को रोक दिया वहीं पार्टी को टूटने से भी बचा लिया है।