UP: सरयू-घाघरा में जबर्दस्त उफान से 570 गांवों में हाहाकार, रेल ट्रैक डूबा

Update: 2017-08-15 07:23 GMT
सरयू-घाघरा में जबर्दस्त उफान से 570 गांवों में हाहाकार, रेल ट्रैक डूबा

बहराइच: सरयू और घाघरा नदी में जबर्दस्त उफान से बहराइच में तबाही बढ़ती जा रही है। अब तक 570 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। रेल की पटरियां और सड़क पानी में डूबे हैं। इस कारण मैलानी-गोंडा के बीच चलने वाली छह ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया है। मिहींपुरवा क्षेत्र में सैलाब के चलते बस सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। नाव की व्यवस्था न होने से पीड़ितों तक मदद नहीं पहुंच पा रही। अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है।

वहीं, महराजगंज में जीरो बन्धा टूटने से दर्जनों गांवों में जल प्रलय आ गया है। पड़ोसी देश नेपाल से पानी छोड़ने व जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जिले की सभी नदियां उफान पर हैं। रोहिन नदी का जीरो बांध टूटने से महराजगंज के पनियरा क्षेत्र के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं।

स्थिति और भी भयावह

मिहींपुरवा के गोपिया बैराज से जुड़ी सरयू मुख्य नहर और सहायक कैनाल का तटबंध 13 स्थानों पर बाढ़ के तेज बहाव में टूट गया है। इससे स्थिति और भी भयावह हो गई है। प्रशासन राहत और बचाव के दावे जरूर कर रहा है। लेकिन यह दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।

खतरे के निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर बह रही घाघरा

बाढ़ की विभीषिका जिले में तबाही का सबब बन गई है। नेपाल के पहाड़ों पर निरंतर हो रही बारिश के चलते वहां की नदियां खतरे के निशान से तीन गुना ऊपर बह रही हैं। जबकि घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बाढ़ से महसी, कैसरगंज और नानपारा तहसील क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है।

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पेड़, छत और छप्पर ही सहारा

नानपारा के मिहींपुरवा के निकट स्थित गोपिया बैराज पर नेपाल के बबई नदी का पानी पहुंचता है। तेज बहाव के चलते बैराज से जुड़ी सरयू मुख्य नहर पुरैना अमृतपुर, भिउरा सायफन, गोपिया, हरखापुर, शिवपुर के निकट 13 स्थानों पर कट गई है। सहायक कैनाल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। जिससे अब बाढ़ का पानी नहर के बजाए ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच रहा है। पानी की धार इतनी तेज है कि लोग अपनी आम जिंदगी तक नहीं संभाल पा रहे। लोग पेड़, छत और छप्परों पर चढ़कर शरण ले रहे हैं।

डेढ़ किलोमीटर तक पटरियां डूबी

मैलानी-गोंडा प्रखंड पर गायघाट के निकट बाढ़ के पानी में लगभग डेढ़ किलोमीटर तक रेल की पटरियां डूब गई हैं। वहीं, उर्रा-हरखापुर, मिहींपुरवा-बिछिया मार्ग पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है। जिसके चलते आवागमन रोक दिया गया है। शिवपुर और महसी क्षेत्र में स्थिति काफी भयावह है। लोगों के घरों में तीन से चार फीट पानी घुस गया है। अचानक घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद मुरौवा कुर्मिनपुरवा गांव में बाढ़ का पानी तेजी से घुसा।

इन ट्रेनों का संचालन हुआ ठप

बहराइच के स्टेशन अधीक्षक डॉ. एमएम प्रसाद ने बताया कि सोमवार देर रात गायघाट के निकट रेल ट्रैक पर पानी आ गया। इससे बहराइच से मैलानी को जाने वाली पैसेंजर ट्रेन संख्या 52241, 52251, 52253, 52255, 52257 और 52259 का संचालन रोक दिया गया है। नानपारा के स्टेशन अधीक्षक मोहम्मद रसीद ने बताया कि लखनऊ कंट्रोल रूम को सूचना दी गई है। तकनीकी दल बहराइच पहुंच रहा है। उसके निरीक्षण के बाद ही ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाएगा।

नावों की व्यवस्था न होने से अफरा-तफरी

बाढ़ के पूर्व प्रशासन समुचित तैयारियों का दावा कर रहा था। लेकिन अब बाढ़ का कहर सामने आने के बाद दावे खोखले साबित हो रहे हैं। नानपारा क्षेत्र में बाढ़ से निपटने के लिए समुचित नावें नहीं हैं। महज दर्जन भर नावों से नानपारा, बलहा, मिहींपुरवा और शिवपुर क्षेत्र में बाढ़ से निपटने के दावे किए जा रहे हैं।

और खराब हो सकती स्थिति

नेपाल में लगातार हो रही बारिश से आने वाले दिन मुश्किलें और बढ़ा सकते हैं। इसके चलते बबई, राप्ती नदियों का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। नानपारा कंट्रोल रूम के मुताबिक, नेपाल में फिर अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में नेपाल का पानी एक बार फिर बड़ी तबाही का सबब बन सकता है।

 

 

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