नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के दबाव के मद्देनजर सरकार ने उन सांसदों, विधायकों की संपत्तियों की जांच कराने का फैसला किया है जो चुनाव जीतते ही 'धन कुबेर' बन गए। इलाहाबाद के एक एनजीओ लोक प्रहरी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानि सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 7 लोकसभा सांसद और 98 विधायकों की संपत्ति की जांच की जा रही है।
सीबीटीडी ने यह भी कहा, कि इन सभी सांसदों और विधायकों के नाम की सूची आज (12 सितंबर) सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपी जाएगी।
ये भी पढ़ें ...ADR: माननीय की दौड़ में शामिल 218 करोड़पति नहीं भरते ITR, 1,210 कैंडिडेट के पास पैन कार्ड तक नहीं
संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है
सीबीडीटी ने कोर्ट को बताया, कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इन नेताओं की संपत्तियों की शुरुआती जांच की है। इससे पता चला है कि चुनाव जीतने के बाद इन सांसदों-विधायकों की चल-अचल संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है।
ये भी पढ़ें ...ADR REPORT: UP की नई सरकार के 44 में से 20 मंत्रियों पर दर्ज हैं क्रिमिनल केस
चुनावी हलफनामे के आधार पर लगाया आरोप
बता दें, कि एनजीओ लोक प्रहरी ने आरोप लगाया था, कि 'लोकसभा के 26 सांसद, राज्यसभा के 11 सांसद और 257 विधायकों की संपत्ति उनके निर्वाचित होते ही तुरंत बढ़ गई। एनजीओ ने ये आरोप उन नेताओं के चुनावी हलफनामे के आधार पर लगाया था।'
ये भी पढ़ें ...सबसे गरीब हैं अल्फोंस, जबकि हरदीप की संपत्ति का ब्योरा ADR के पास नहीं
कोर्ट ने सरकार से पूछे थे सवाल
सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि अन्य 9 लोकसभा सांसद, 11 राज्यसभा सांसद और 42 विधायकों की संपत्तियों का आंकलन किया जा रहा है। इससे पहले जस्टिस जे. चेलमेश्वर की पीठ ने सरकार से पूछा था कि क्या सरकारी विभागों ने नेताओं द्वारा सौंपे गए चुनावी हलफनामे और आयकर रिटर्न्स के दस्तावेज के मुताबिक उनकी संपत्तियों की कोई जांच कराई है?
ये भी पढ़ें ...ADR रिपोर्ट: चुनावी चंदा बटोरने में BJP अव्वल, 2014 में मिला सबसे ज्यादा