लाशों का डंपिंग ग्राउंड बना हापुड़, पुलिस नहीं कर सकी एक भी खुलासा

Update:2016-05-19 05:17 IST

हापुड़ः इस शहर को वैसे तो अपने पापड़ उद्योग की वजह से पहचाना जाता है, लेकिन बीते दो साल में हापुड़ की एक और पहचान बन गई है। इसे लाशों के डंपिंग ग्राउंड के तौर पर भी पश्चिमी यूपी के लोग जानते हैं। दर्जनों लाशें इस दौरान बरामद हो चुकी हैं, लेकिन एक की भी शिनाख्त नहीं हो सकी है।

दो साल से एक भी मामले का खुलासा नहीं

-साल 2014 में हापुड़ में 28 अज्ञात लोगों की लाशें मिली थीं।

-साल 2015 में करीब डेढ़ दर्जन अज्ञात शव बरामद किए गए थे।

-इस साल अभी तक 10 महिलाओं, युवतियों और पुरुषों की लाशें बरामद हो चुकी हैं।

-इन सभी मामलों का खुलासा पुलिस नहीं कर सकी है।

अपराधी फेंक रहे हैं लाशें?

-लगातार मिल रही लाशों के बावजूद पुलिस नहीं बरत रही सतर्कता।

-माना जा रहा है कि हत्या के बाद शव फेंकने का अपराधियों ने बनाया सुरक्षित स्थान।

-बुधवार को दयानतपुर में भी 35 साल की महिला की सड़ी-गली लाश मिली।

-इसके साथ इस महीने अभी तक तीन लाशें मिल चुकी हैं।

इस साल अभी तक मिलीं 10 लाशें

-16 जनवरी को थाना हाफिजपुर के गांव कुराना में युवती का शव मिला।

-13 फरवरी को थाना देहात के गांव पीरनगर सूदना में युवती की लाश मिली।

-11 मार्च को सदर कोतवाली के प्रीत विहार में युवक का शव बरामद।

-14 मार्च को सिंभावली के बक्सर रेलवे लाइन पर अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली।

-16 मार्च को पिलखुवा नाले में युवक का शव पड़ा मिला।

-6 अप्रैल को सदर कोतवाली के मोदीनगर रोड पर युवक का शव मिला।

-7 अप्रैल को सिंभावली के रतूपुरा गांव से महिला का शव बरामद।

-8 मई को थाना देहात के काली नदी के पास अज्ञात व्यक्ति मरा मिला।

-10 मई को सबली के जंगल में अज्ञात युवक का शव मिला।

-18 मई को थाना बाबूगढ़ के गांव दयानत में अज्ञात महिला की लाश मिली।

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