'अभूतपूर्व खोज': भौतिकी का नोबेल अमेरिका, फ्रांस, कनाडा के वैज्ञानिकों को
स्टॉकहोम: वर्ष 2018 के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मंगलवार को अमेरिका के आर्थर अश्किन, फ्रांस के जेरार्ड माउरो और कनाडा की डोन्ना स्ट्रीकलैंड को प्रदान किया गया। स्ट्रीकलैंड यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाली तीसरी महिला बनी हैं। तीनों को यह पुरस्कार 'लेजर भौतिकी के क्षेत्र में अभूतपूर्व खोज' के लिए दिया गया है।
स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने एक बयान में कहा, "अश्किन को यह पुरस्कार ऑप्टिकल ट्वीजर्स और जैविक प्रणाली में उसके अनुप्रयोग और माउरो व स्ट्रीकलैंड को उच्च तीव्रता पैदा करने, अल्ट्रा-शार्ट ऑप्टिकल पल्स पैदा करने की उनकी विधि के लिए दिया गया है।"
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स्ट्रीकलैंड 55 वर्ष के अंतराल के बाद इस पुरस्कार को पाने वाली पहली महिला हैं। इससे पहले यह पुरस्कार 1903 में मैरी क्यूरी को और 1963 में मारिया गोपर्ट-मायेर को दिया गया था।
स्टॉकहोम में पुरस्कार की घोषणा होने के बाद स्ट्रीकलैंड ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमें महिला भौतिकशास्त्रियों के लिए जश्न मनाने की जरूरत हैं, क्योंकि हम वहां हैं। मैं उन महिलाओं में शामिल होकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रही हूं।"
यह पुरस्कार पाने वाली तीसरी महिला बनने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि और महिलाएं हो सकती हैं, उम्मीद है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में तेजी आएगी।
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अश्किन का ऑप्टिकल ट्वीजर्स अपने लेजर बीम फिंगर्स के सहयोग से कणों, अणुओं, विषाणुओं और अन्य जीवित कोशिकाओं की पहचान करने में सक्षम होगा, जोकि अमेरिकी शोधकर्ताओं के साइंस फिक्शन के एक पुराने सपने को साकार करेगा, जिसके अंतर्गत प्रकाश के विकिरण के दबाव से भौतिक वस्तुओं में चाल पैदा की जा सकती है।
वहीं माउरो और स्ट्रीकलैंड ने दूसरी तरफ, बिना परिवर्धित सामग्री को क्षतिग्रस्त किए उच्च तीव्रता वाले लेजर पल्स का निर्माण किया, जो मानव द्वारा पहली बार बनाए गए सबसे छोटे और अति तीव्र लेजर की ओर मार्ग प्रशस्त करेगा। इसके अल्ट्रा-शार्प बीमों का इस्तेमाल आंखों की सर्जरी के लिए किया जा सकता है।
--आईएएनएस