नई दिल्ली: बीएचयू कैंपस में बीते शनिवार को छेड़खानी से परेशान होकर धरने पर बैठी छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले में बनारस के कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है। रिपोर्ट में सीधे तौर पर बीएचयू प्रशासन को दोषी ठहराया गया है। इसी बीच सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि मानव संसाधन मंत्रालय ने कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी को मंत्रालय के सामने पेश होने का आदेश दिया है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है।
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सूत्रों के मुताबिक बीएचयू के कुलपति गिरीश चंद्र को मंत्रालय लम्बी छुट्टी पर भेज सकता है। दिल्ली में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी ने जिस तरह सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को इस मामले में उचित कार्रवाई करने की बात कही थी और इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने को कहा था। उसके बाद से ही मानव संसाधन मंत्रालय भी हरकत में आ गया है। मंत्रालय में आला अधिकारियों की बैठक में इस विवाद से जुड़ी सभी जानकारी मांगी गई है और बीएचयू के कुलपति को दिल्ली तलब किया गया है और वहां आज कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
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सूत्रों के अनुसार, मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी बीएचयू के कुलपति से बात की है। इस बातचीत में कुलपति गिरीश चंद्र ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया हैं।
मंत्रायल द्वारा तलब किए जाने पर कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा, 'मुझे एचआरडी मिनिस्टर ने नहीं बुलाया है और न ही मेरा फिलहाल उनसे मिलने का कोई कार्यक्रम है। हमारी यूनिवर्सिटी की एक्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग पहले से दिल्ली में तय थी क्योंकि ज्यादातर मेंबर दिल्ली में रहते हैं। अगर कोरम पूरा हुआ तो हम बनारस में भी मीटिंग कर सकते हैं, नहीं तो मैं दिल्ली जाऊंगा।‘
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बता दें कि कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। तो साफ़ है कि सरकार किसी भी विवाद से बचने के लिए कुलपति को लंबी छुट्टी पर भेज सकता है।
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