नोएडा: एफडीडीआई में डिग्री विवाद गुरुवार को उग्र हो गया। स्टूडेंट्स ने कॉलेज मैनेजमेंट के खिलाफ नारेबाजी की और फिर कैंपस में खड़ी बस और प्रिंसिपल की कार तोड़ दी। साथ ही क्लासों में घुसकर वहां के शीशे तोड़ दिए। मौके पर पुलिस-प्रशासन के सीनियर अधिकारी पहुंचे। उन्होंने छात्रों को समझाबुझा कर शांत कराया। हालांकि, कॉलेज की ओर से शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है।
-दरअसल, पिछले बैच के स्टूडेंट्स को डिग्री नहीं दी गई है। मौजूदा बैच के स्टूडेंट्स भी पासआउट होने वाले हैं।
-कुछ स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई है, लेकिन जब वह उसे लेकर किसी इंटरव्यू में जाते हैं तो उसे फर्जी बता दिया जाता है।
-ऐसे में गुरुवार को सैकड़ों स्टूडेंट कैंपस पहुंचे और हंगामा किया। बस, कार समेत क्लासरूम में जमकर तोड़फोड़ की।
क्या कहते हैं स्टूडेंट्स
-एफडीडीआई के स्टूडेंट संदीप प्रियदर्शी ने कहा- हमने 2012-13 में एडमिशन लिया था। लेकिन 2015 में एक आरटीआई से हमें पता चला कि कॉलेज में दी जा रही डिग्री फर्जी है।
-2012 बैच के स्टूडेंट्स को अभी तक सही डिग्री नहीं मिली है। 2013 का बैच भी एक महीने में कॉलेज से बाहर होगा।
-2014 बैच के स्टूडेंट्स ने अब कॉलेज से किनारा करना शुरू कर दिया है।
-एफडीडीआई ने डिग्री देने के लिए मेवाड़ यूनिवर्सिटी से टाई-अप किया था, जिसे यूजीसी ने अवैध ठहराया था।
-इसके बाद हजारों स्टूडेंट्स के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे।
प्रबंधन फिर कर रहा है खेल
-संस्थान ने नए सेशन की शुरुआत इग्नू के साथ एमओयू के आधार पर कर दी है, लेकिन इस कोर्स को भी यूजीसी से अब तक मंजूरी नहीं मिली है।
-ऐसे में मैनेजमेंट ने छात्रों को आश्वासन दिया कि आईएनआई का दर्जा मिलने के बाद एफडीडीआई को डिग्री देने के लिए किसी यूनिवर्सिटी से मान्यता लेने की जरूरत नहीं होगी।
सिटी मजिस्ट्रेट बच्चू सिंह ने कहा-
छात्रों के डिग्री मामले से अवगत हैं। प्रबंधन से बातचीत कर समस्या का हल निकाला जाएगा। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।