हिमाचल चुनाव : वीरभद्र ने दाखिल किया नामांकन, धूमल सोमवार को करेंगे
कांग्रेस नेता और छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने 9 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार (20 अक्टूबर) को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
शिमला : कांग्रेस नेता और छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने 9 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार (20 अक्टूबर) को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस बार वह नई सीट अरकी से चुनाव लड़ेंगे। अपनी परंपरागत सीट उन्होंने अपने बेटे के लिए छोड़ दी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दो बार मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल भी इस बार नई सीट सुजानपुर से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने कहा कि वह सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे। वीरभद्र सिंह नामांकन दाखिल करने के लिए पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे विक्रमादित्य सिंह के साथ पहुंचे।
वीरभद्र सिंह सोलन जिले की अरकी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जीत हासिल की थी।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए गए 83 वर्षीय वीरभद्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी के युवा उम्मीदवार रतन सिंह पाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक गोविंद राम की जगह पाल को टिकट दिया है।
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पार्टी नेताओं का कहना है कि वीरभद्र सिंह ने अपनी शिमला (ग्रामीण) की सीट बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए छोड़ दी है। इस सीट पर वीरभद्र ने 2012 में 19,073 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी।
विक्रमादित्य वर्तमान में राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और उनके पिता ने पहले ही घोषित कर दिया था कि उनका बेटा शिमला (ग्रामीण) से अगला चुनाव लड़ेगा।
बीजेपी ने शिमला (ग्रामीण) से प्रमोद शर्मा को मैदान में उतारा है, जो कभी पहले वीरभद्र सिंह के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाते थे। कांग्रेस ने बुधवार को 59 उम्मीदवारों के साथ अपनी पहली सूची जारी कर दी।
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साल 2012 में हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 73.92 प्रतिशत मतदान हुआ था। कांग्रेस के 36, बीजेपी के 26 सदस्य और छह निर्दलीय निर्वाचित हुए थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की सभी चार सीटों को 53.85 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ जीता था। उस समय, राज्य में कांग्रेस को 41.07 प्रतिशत वोट मिले थे।
वीरभद्र के पास अपना वाहन नहीं
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और अगले चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को खुलासा किया कि उनके और उनके परिवार के पास कोई अपना वाहन नहीं है, लेकिन 9.5 करोड़ की 'चल संपत्ति' है। मजे की बात यह कि वीरभद्र के पास पत्नी प्रतिभा सिंह से ज्यादा गहने हैं। पत्नी के पास 47 के, जबकि पति के पास 50 लाख रुपये कीमत के गहने हैं।
विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे में, वीरभद्र सिंह ने कहा, उनके और उनकी पत्नी व पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह के पास क्रमश: 7.15 करोड़ और 2.51 करोड़ की संपत्ति है, जिसमें वित्तीय प्रपत्र, आभूषण और अन्य चल संपत्ति शामिल है।
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वीरभद्र और उनकी पत्नी दोनों के नाम 1 करोड़ की बीमा योजना भी है। सिंह दंपति आय से अधिक संपत्ति मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं। उनके व उनके परिवार के खिलाफ वर्ष 2009 से 2011 के बीच सिंह के केंद्रीय इस्पात मंत्री के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान और उसके सहयोगी चुन्नी लाल के खिलाफ 23 सितंबर, 2015 को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
प्रथम दृष्टया जांच में पता चला था कि वीरभद्र ने अपने ज्ञात आय स्रोत के अलावा 6.03 करोड़ की संपत्ति अपने और परिजनों के नाम कर दी थी। इसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था