लखनऊ। यूपी सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट और महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाली वीमेन पॉवर लाइन पर बदनुमा दाग लगा है। 1090 के प्रभारी कुंवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह को हटा दिया गया है। सरकार ने उन्हें उनके पैरेंट डिपार्टमेंट में वापस भेज दिया है। वीमेन पॉवर लाइन 1090 के प्रभारी पर हैरेसमेंट की शिकार से व्हाट्सएप के जरिये फ़्लर्ट करने का आरोप लगा है।
गुरुवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बतया कि प्रदेश सरकार महिला उत्पीड़न की घटनाओं में कार्यवाही हेतु अत्यंत गम्भीर है। वुमेन पावर लाइन 1090 के प्रभारी के बार में मीडिया में खबरें आने के बाद को सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया है। सरकार ने 1090 के प्रभारी कुंवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह को वुमेन पावर लाइन से तुरंत हटाते हुये उनके पैरेंट डिपार्टमेंट रेडियो मुख्यालय वापस भेजने के निर्देश दिये है।
क्या है मामला
पूर्वांचल की रहने वाली एलएलबी की स्टूडेंट महुआ सिंह (बदला हुआ नाम) अलीगंज स्थित बुटिक में कपडे सिलवाने के दौरान बुटिक की ओनर अजरा और उसके बॉयफ्रेंड अभिषेक के संपर्क में आई थी। इस दौरान अभिषेक ने महुआ से फ़्लर्ट करना शुरू किया और उससे सम्बन्ध बनाने का दबाव बनाने लगा, जिसक महुआ ने जमकर विरोध किया। एक दिन अजरा ने उसे बहाने से अपने बुटिक बुलाया, जहाँ उसने और अभिषेक ने महुआ से मारपीट की। महुआ ने इस बाबत महानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने हटा दिया आरोपी का नाम
महानगर पुलिस ने तानाशाही रवैया दिकह्ते हुए इस मुकदमे से अभिषेक का नाम हटा दिया था। इससे परेशान होकर महुआ ने वीमेन पॉवर लाइन के प्रभारी कुंवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह से मुलाक़ात कर उन्हें मामले की जानकारी दी।
मदद के बहाने बन गए आशिक!
महुआ का आरोप है कि कुंवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह उसकी मदद की जगह उसके व्हाट्सएप पर फ़्लर्ट करने लगे। महुआ का आरोप है कि जब उसने अपने केस के सिलसिले में राघवेन्द्र सिंह से मिलने की बात कही तो उन्होंने मैसेज किया कि वह ऑफिस में मिलना चाहती या कहीं बाहर? इस आपत्तिजनक जवाब को सुनकर महुआ ने लखनऊ यूनिवर्सिटी की चीफ प्रॉक्टर प्रो निशि पाण्डेय से संपर्क किया। इस पर उन्होंने महुआ को कुंवर राघवेंद्र से आगे कभी बात करने से मना किया। इसके बाद वह चीफ प्रॉक्टर की मदद से महिला सम्मान प्रकोष्ठ की डीजी सुतापा सान्याल से मिली। महुआ ने उनसे मारपीट के आरोपी अभिषेक, अजरा और मदद के बहाने व्हाट्सएप पर आपत्तिजनक बात करने वाले वीमेन पॉवर लाइन इंचार्ज राघवेन्द्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
जांच में पाए गए दोषी
इस प्रकरण में डीजी सुतापा सान्याल ने जांच आईजी नवनीत सिकेरा को सौंपी। आईजी ने जांच की शुरुआत मेंही पाया कि 1090 के इंचार्ज ने अपने निजी नम्बर का इस्तेमाल व्हाट्सएप पर पीड़िता से चैट करने के लिये किया था। आईजी नवनीत सिकेरा जल्द ही इस जांच को पूरा कर, इसे राज्य सरकार को सौंपेंगे।
1090 में नहीं इस्तेमाल हो सकता पर्सनल नंबर
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने वुमेन पावर लाइन के सिस्टम के बारे में बताया कि वहां से किसी भी पीड़िता या आरोपी से तैनात कर्मी कभी भी अपने पर्सनल नम्बरो से कॉल नहीं कर सकते है क्योंकि 1090 एक सरकारी सिस्टम है। प्रवक्ता ने बताया कि 1090 पर की गयी कॉल या वहां से दिये जाने वाले उत्तर आदि सभी कॉल्स की रिकार्डिंग होती है। यहाँ से की जाने वाली सारी बातचीत सरकारी होती है और वह किसी भी प्रकार से निजी नहीं होती है।