Tiranga History: किसने डिजाइन किया था तिरंगा, क्या है तीनों रंगों का अर्थ, जानें यहां

Indian National Flag History: अगर आप देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के बारे में अच्छे से वाकिफ नहीं हैं तो इस आर्टिकल में आप जान सकते हैं इसे किसने बनाया और तीनों रंगों का मतलब।

Newstrack :  Network
Update: 2024-08-15 04:44 GMT

Tiranga (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Indian National Flag Tiranga History: भारत का झंडा तिरंगा (Tiranga) देश की आन, बान और शान है। हर एक भारतवासी तिरंगे के महत्व को बखूबी समझता है। यह आजाद और लोकतांत्रिक देश का प्रतीक है। लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे देश के झंडे को आजादी के कुछ सालों पहले ही तैयार कर लिया गया था और कुछ दिन पहले ही इसे राष्ट्रीय ध्वज करार दे दिया गया था। 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस (Swatantrata Diwas) के मौके पर जानिए हमारे देश के तिरंगे का इतिहास (Tiranga History)। इसे किसने डिजाइन किया और इसमें शामिल तीनों रंगों का अर्थ (Tricolor Meaning)।

तिरंगे का इतिहास (Tiranga Ka Itihas)

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि भारत के राष्ट्री ध्वज (Indian National Flag) को किसने बनाया था। तिरंगा को बनाने वाले शख्स का नाम पिंगली वेंकैया (Pingali Venkayya) था, जो कि एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, कृषक व्याख्याता, लेखक, शिक्षाविद, भूविज्ञानी और बहुभाषी थे। उन्होंने 1916 में एक ऐसे झंडे को बनाने के बारे में सोचा जो सभी भारतीयों को एकजुट रखने का काम करे। इसके बाद उन्होंने एस.बी. बोमान जी और उमर सोमानी के साथ मिलकर 'नेशनल फ्लैग मिशन' की स्थापना की।

पिंगली वेंकैया (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वेंकैया ने 1921 में भारत का तिरंगा (Tiranga) झंडा तैयार किया। तब उन्होंने तिरंगे में लाल, हरे और सफेद रंगों का इस्तेमाल किया था, जो कि हिंदू, मुसलमान और अन्य धर्मों का प्रतीक था। इसके अलावा प्रगति के रूप में चरखे को भी राष्ट्रीय ध्वज में जगह दी थी। तिरंगा तैयार होने के बाद उन्होंने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) से सलाह ली और उन्होंने ध्वज के बीच में अशोक चक्र रखने का सुझाव दिया। इसके बाद वेंकैया ने भी ऐसा ही किया।

1931 में इस तिरंगे में थोड़े बदलाव किए गए। जैसे कि लाल रंग को हटाकर केसरिया रंग का इस्तेमाल किया गया। जिसके बाद यह वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज के समान दिख रहा था। इस तरह आजादी से पहले ही भारत का राष्ट्रीय ध्वज तैयार हो चुका था। इसके बाद ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने से कुछ दिन पहले 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान तिरंगे को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया गया था।

क्या है तीनों रंगों का अर्थ

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

तिरंगे में तीन रंगों की पट्टियां यानी बैंड हैं, जो कि केसरिया, सफेद और हरे रंगी की हैं। केसरिया पट्टी भारत की ताकत और साहस का प्रतीक है। जबकि सफेद रंग शांति और सत्य का प्रतीक है। हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। सफेद बैंड के बीच में जो अशोक चक्र है, वो गतिशीलता और विकास का संदेश देता है।

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