Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण कहते हैं वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है

Bhagwat Geeta Quotes: भगवद गीता में श्री कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जिसमे कई ज्ञान के बातें मौजूद हैं आइये एक नज़र डालते हैं इन भगवद गीता कोट्स पर।

Update:2024-06-12 12:05 IST

Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: भगवद गीता एक ऐसा भारतीय महाकाव्य है जो जीवन के सही मायने सभी को बताता है। कहते हैं जिसने भगवत गीता का ज्ञान समझ लिया उसने इस सृष्टि को समझ लिया। महाभारत के युद्ध के दौरान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कई व्यावहारिक पाठ, शिक्षाएं और आचरण के नियम और नैतिकता बताईं। आज भी इस ग्रन्थ में वर्णित हर एक बात तर्क संगत है। आइये एक नज़र डालते हैं गीता के इन विचारों पर।

भगवद गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)

  • कृष्ण को ऐसे भक्त प्रिय होते हैं, जो सुख के पीछे नहीं भागते हैं और शोक, काम वासना से दूर रहते हैं।
  • शांति, नम्रता, मौन, आत्म-संयम और पवित्रता व्यक्ति के मन का अनुशासन हैं।
  • आत्मा स्थाई है। वह कभी जन्म नहीं लेती, नाही वह कभी मरती है, आत्मा अजर और अमर है।
  • अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए।
  • आत्मा का विनाश कोई नहीं कर सकता है, वह विनाश से परे है।
  • बुद्धिमान व्यक्ति न तो जीवित लोगों के लिए शोक मनाते हैं, नाही उनके लिए जो मर चुके हैं..!!
  • काम, क्रोध और लालच ये तीनो चीजें व्यक्ति के विनाश का कारण बनती हैं, ऐसे में इन चीजों का त्याग कर देना चाहिए।
  • अच्छी नीयत से किया गया काम कभी व्यर्थ नहीं जाता, और उसका फल आपको ज़रूर मिलता है।
  • गीता में कहा गया है कोई भी अपने कर्म से भाग नहीं सकता कर्म का फल तो भुगतना ही पड़ता है।
  • मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय। किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।
  • जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन करें।
  • मैं ऊष्मा देता हूँ, मैं वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ, मैं अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी।
  • बुरे कर्म करने वाले, सबसे नीच व्यक्ति जो राक्षसी प्रवित्तियों से जुड़े हुए हैं, और जिनकी बुद्धि माया ने हर ली है वो मेरी पूजा या मुझे पाने का प्रयास नहीं करते।
  • जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ।
  • हे अर्जुन!, मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ, किन्तु वास्तविकता में कोई मुझे नहीं जानता।
  • स्वर्ग प्राप्त करने और वहां कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।
  • केवल मन ही किसी का मित्र और शत्रु होता है।
  • मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ।
  • ऐसा कुछ भी नहीं, चेतन या अचेतन, जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो।
  • वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है। इसमें कोई शंशय नहीं है।
  • वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।
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