Chanakya Niti: चाणक्य नीति में बताये गए इन रहस्यों के बारे में जानकार आप भी हो सकते हैं सफल, जीवन ऐसे बनाइये सार्थक
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के विचारों को अपनाकर जीवन में आप भी हो सकते हैं सफल जानिए जीवन के इन रहस्यों को।
Report : Shweta Srivastava
Update:2024-01-08 11:15 IST
Chanakya NIti: जीवन और रहन-सहन पर आचार्य चाणक्य ने कई बातें बताई हैं जिसे काफी हद तक सच भी कहा जा सकता है। अगर व्यक्ति उनके बताये मार्ग पर चलता है तो जीवन में सफलता उसे ज़रूर मिलती है। वहीँ आपको बता दें कि चाणक्य नीति में जीवन के कई रहस्य भी है आइये आज हम आपको उन्ही कुछ रहस्यों के बारे में आपको बताते हैं।
चाणक्य नीति के रहस्य
- भाग्य हमेशा उनका साथ देता है, जो लक्ष्य के प्रति हमेशा सजग रहते है।
- कल के मोर से आज का कबूतर भला होता है, अर्थात संतोष सबसे बड़ा धन होता है।
- दुश्मन से घृणा करो, उसके गुणों से नहीं अर्थात शत्रु में कोई अच्छा गुण हो तो उसे अपना लेना चाहिए।
- मनुष्य की वाणी में विष और अमृत दोनों की ही खान होती है, जिसके द्वारा वह अपने जिंदगी को स्वर्ग या नर्क बनाता है।
- ज्यादा से ज्यादा से धन कमाने की कोशिश करे, क्योंकि यह दुनिया पैसे वाले व्यक्ति का सम्मान करती है।
- कभी किसी के सामने अपनी सफाई पेश मत करना, क्योंकि जिसे तुम पर विश्वास है उसे जरूरत नही और जिसे तुम पर विश्वास नही वो मानेगा ही नही।
- अपने दुश्मन की कमजोरी जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।
- जीवन में पछतावा करना छोड़ो, कुछ ऐसा करो की तुम्हें छोड़ देने वाले पछताऐ।
- वह व्यक्ति जो आपके सामने दूसरों की बुराई करता है, वह दूसरों के सामने आपकी भी बुराई करता होगा।
- बुढ़ापे में आपको रोटी आपकी औलाद नही, बल्कि आपके दिये हुये संस्कार खिलाएंगे।
- दान देने से पहले अपने कमजोर भाई को सहारा दो, क्योंकि तुम्हारे दान की भगवान से ज्यादा तुम्हारे भाई को जरूरत है।
- कदम, कलम और कसम ये तीनों सोच समझकर ही उठाने चाहिये।
- लाइफ को इतनी सस्ती भी मत बनाओ की दौ कौड़ी के लोग खेलकर चले जायें।
- जिंदगी में आगे बढ़ना है तो बहरे हो जाओ, क्योंकि अधिकतर लोगों की बाते मनोबल गिराने वाली होती है।
- जितना कम बोलोगे उतना ही ज्यादा पसंद किए जाओगे।
- दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे नियति को भी झुकना पड़ता है।
- सफलता की डगर में धूप का भी योगदान होता है क्योंकि छांव मिलते ही पैर डगमगाने लगते हैं और विश्राम की ओर ध्यान भटकता है।
- जिंदगी के मंच पर अपने चरित्र की प्रस्तुति इस तरह करो कि पर्दा हटने के बाद भी तालियां बजती रहें।
- ज्ञान उसी को बांटो जिसको जरूरत है वरना मूर्खों को ज्ञान बांट कर आप खुद को ही दुख पहुंचा सकते हो।