Chanakya Niti: जानिए आचार्य चाणक्य ने क्यों कहा कि इंसान को ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए

Chanakya Niti:आचर्य चाणक्य ने अपने विचारों को अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में लिखी हैं जो आज भी बेहद उपयोगी हैं।

Update: 2024-04-27 18:24 GMT

Chanakya Niti (Image Credit-Social Media)

Chanakya Niti: चाणक्य द्वारा बताई कई बातें आज भी बेहद तर्कसंगत हैं और साथ ही ये मनुष्य के लिए पथप्रदर्शक की तरह काम भी करतीं हैं। आइये जानते हैं उनके विचार जो आज भी काफी उपयोगी हैं।

चाणक्य नीति (Chanakya Niti)

1 . मूर्ख शिष्य को पढ़ाने से, दुष्टा स्त्री के पालन-पोषण से अथवा दीन-दुखियों के सम्पर्क में रहने से, बुद्धिमान मनुष्य भी दुख पाते हैं।

2 . दुष्टा (कुमार्गी) स्त्री, कपटी (मूर्ख) मित्र, हर बात में जवाब देने वाला नौकर (दास) तथा जिस घर में सांप रहता हो उसमें रहना, ये सब मृत्यु तुल्य हैं, इसमें संदेह नहीं है।

3 . आपत्ति काल के लिये धन की रक्षा करे, धन से बढ़कर स्त्री की रक्षा करे तथा धन और स्त्री दोनों से बढकर सर्वदा अपनी रक्षा करनी चाहिए।

4 . आपत्ति निवारणार्थ धन की रक्षा करना उचित है। धनी मनुष्य है तो विपत्ति कैसी ? लक्ष्मी (धन) चंचल है। कभी-कभी संजोया धन भी नष्ट हो जाता है।

5 . जिस देश में सम्मान नहीं, जीविकोपार्जन का साधन नहीं, बन्धु-बाँधव भी नहीं और न विद्या का ही लाभ हो, तो ऐसे स्थान पर एक दिन भी वास नहीं करना चाहिए।

6 . कठिन काम पड़ने पर सेवक की, संकट के समय भाई बन्धु की, आपत्ति काल में मित्र की तथा धन के नाश हो जाने पर स्त्री की परीक्षा होती है।

7 . जिस स्थान पर जीविका, भय, लज्जा (शर्म), चतुराई और थोड़ा-बहुत त्याग करने की लगन इन पाँचों चीजों का अभाव हो वहाँ के लोगों का साथ कदापि न करे।

8 . जहाँ पर धंनी (महाजन), वेद ज्ञाता ब्राह्मण, राजा, नदी या जलाशय

अथवा वैद्य ये पाँचों विधमान न हों वहाँ एक दिन भी नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इनके रहने पर यह लोक अथवा परलोक दोनों बन जाता है।

9 . बुरे समय के लिए बचत करना जरूरी है यह मत भुलो कि अच्छा समय

सदा नहीं रहता है।

10 . इंसान को ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए. सीधे पेड़ पहले काटे जाते हैं और ईमानदार लोग पहले काटे जाते हैं।"

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