Hindi Journalism Day 2024: आज है हिंदी पत्रकारिता दिवस, जानिए क्या है इसका इतिहास और महत्त्व

Hindi Journalism Day 2024: आज पूरा देश हिंदी पत्रकारिता दिवस का जश्न मना रहा है जिसका उद्देश्य हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत का सम्मान करना है। आइये जाएँ हैं क्या है आज के दिन का इतिहास और महत्त्व।

Update: 2024-05-30 00:30 GMT

Hindi Journalism Day 2024 (Image Credit-Social Media)

Hindi Journalism Day 2024: आज हम सभी हिंदी पत्रकारिता दिवस मना रहे हैं जिसका उद्देश्य हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत का सम्मान करना है। इसके द्वारा ही भारत के हर कोने में सूचना का प्रसार सुनिश्चित हुई। आइये जानते हैं आज का दिन क्यों पत्रकारिता के क्षेत्र में बेहद ख़ास है और क्या है आज का इतिहास और महत्त्व।

हिंदी पत्रकारिता दिवस का इतिहास और महत्त्व (Hindi Journalism Day 2024 Date History and Significance)

हर साल हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई को मनाया जाता है। वहीँ इस साल ये गुरुवार को पड़ रहा है, जो भारतीय समाज पर हिंदी पत्रकारिता के गहरे प्रभाव का जश्न मनाने का एक और साल मना जा सकता है।

हिंदी पत्रकारिता की जड़ें 30 मई, 1826 को ब्रिटिश शासन के दौरान कलकत्ता में भारत के पहले हिंदी समाचार पत्र, उदंत मार्तंड के प्रकाशन के साथ देखी जा सकती हैं। इस अग्रणी प्रयास ने लगभग दो शताब्दियों की हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी। जैसा कि हम 30 मई, 2024 को हिंदी पत्रकारिता दिवस मना रहे हैं, हम 198 वर्षों की समर्पित पत्रकारिता का जश्न मना रहे हैं जिसने देश को हर एक घटना और ख़बरों के साथ अवगत रखा है।

भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में हिंदी पत्रकारिता का विशेष स्थान है। इसने उन लोगों के दरवाजे तक समाचार पहुंचाया है जो अंग्रेजी नहीं बोलते या समझते हैं, जिससे सूचना तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण हुआ है। ये दिन उन पत्रकारों को समर्पित है जो सटीक समाचार देने के लिए दिन रात अथक प्रयास करते हैं, साथ ही नागरिकों को हर एक घटना से सूचित करने और वर्तमान मामलों के साथ सार्थक रूप से जुड़ने में सक्षम बनाते हैं।

पत्रकारिता, जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा गया है, जनता को राज्य और राष्ट्रीय घटनाओं के बारे में सूचित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीँ पत्रकार इस बात को सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं कि खबरें आम जनता तक तेजी से पहुंचे, फिर चाहे इसका माध्यम कुछ भी हो चाहे वो अखबारों, टीवी चैनलों या हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से हो। पत्रकारिता में विचारों को आकार देने और बदलने की शक्ति बहुत अधिक है और विशेष रूप से हिंदी पत्रकारिता ने इस शक्ति को व्यापक दर्शकों तक पहुँचाया है।

निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि आज का दिन नागरिकों को सशक्त बनाने और लोकतंत्र को मजबूत करने में हिंदी पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने का दिन है।

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