Karwa Chauth Receipe: करवा चौथ की सरगी मीठी मठरियों के बिना है अधूरी , बेहद आसान है इसकी रेसिपी
Karwa Chauth Receipe: विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा उपवास किया जाता है जो अपने पति के कल्याण, समृद्धि, कल्याण और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। यह शायद उत्तर भारत की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्रत है।
Karwa Chauth Receipe: हिन्दू धर्म में करवा चौथ व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस ख़ास दिन औरतें अपने पति की लंबी आयु और सदा स्वस्थ रहने का वरदान मांगती हैं। निर्जला व्रत का उद्यापन चाँद की पूजा के साथ ही पूरा होता है। इस दिन घरों में तरह -तरह के स्वादिष्ट पकवान भी बनते हैं। वैसे भी किसी भी त्यौहार को खास बनाने के लिए स्वादिष्ट पकवान जरूर बनते हैं। करवा चौथ में भी कुछ ख़ास रेसिपी बनाकर आप अपनों का दिल जीत सकतीं हैं। बता दें कि करवा चौथ हर साल हिंदू पत्नियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है। करवा चौथ जैसे विशेष दिन में विशेष व्यंजनों और भोजन की आवश्यकता होती है।
भारत में अनादि काल से, सभी विवाहित महिलाओं के लिए पतियों का कल्याण हमेशा प्रमुख महत्व रहा है। दिवाली से नौ दिन पहले, अक्टूबर या नवंबर में कुछ समय, कार्तिक की चौथ पर, करवा चौथ किया जाता है। विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा उपवास किया जाता है जो अपने पति के कल्याण, समृद्धि, कल्याण और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। यह शायद उत्तर भारत की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण व्रत है।
यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होकर चंद्रमा की पूजा के बाद समाप्त होता है। अंतरिम के दौरान कोई भोजन या पानी का सेवन नहीं किया जाता है।
आपके व्रत को और खास बनाने के लिए यहां कुछ मुंह में पानी लाने वाली करवा चौथ की रेसिपी बताई गई हैं।
करवा चौथ के लिए मीठी मठरी , मीठी मठरी रेसिपी करवा चौथ सरगी
करवा चौथ के लिए मीठी मठरी डीप फ्राई की हुई पंजाबी तली हुई पूरियां हैं जिन्हें मैदा से बनाया जाता है और चाशनी में लपेटा जाता है। ये मठरियां अंदर से नरम और बाहर से कुरकुरी होती हैं। बता दें कि करवा चौथ पर सरगी के लिए मीठी मठरी बनाने की परंपरा है। सबसे आसान डीप फ्राई मिठाई में से एक जो हर किसी को पसंद आती है। घी के प्रयोग से शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और 10-15 दिनों के बाद इनकी गंध नहीं आती है। मठरी में न तो नमक मिला है और न ही चीनी। तलने के बाद इन पर चाशनी का लेप करें और कटे हुए पिस्ते से सजाएं। एक बार इन्हें बना लेने के बाद आप इन्हें खाना बंद नहीं कर सकते।
इसे बनाने के लिए मुख्य सामग्री
2 कप मैदा
1 छोटा चम्मच नमक या स्वादानुसार
1/4 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा (वैकल्पिक)
1/2 कप गरम घी/तेल
1/2 कप गुनगुना पानी या आवश्यकतानुसार
तलने के लिए तेल
चाशनी के लिए:
1 कप चीनी
1/2 कप पानी
1 बड़ा चम्मच बारीक कटा हुआ पिस्ता
1/2 छोटा चम्मच इलाइची पाउडर (वैकल्पिक)
कुछ गुलाब की पंखुड़ियाँ (वैकल्पिक)
मीठी मठरी बनाने की विधि :
एक बड़े प्याले में मैदा और गरम घी/तेल डाल कर मिला लीजिये। अब आटे को अपनी उँगलियों से मलें, जितना अधिक आप ऐसा करेंगे, मठरी की बनावट उतनी ही अच्छी होगी। पूरा मिश्रण ब्रेडक्रंब जैसा होना चाहिए। ध्यान रहे कि आटे को मिलाते और लाते समय हर बार 1 बड़ा चम्मच गर्म पानी डालना शुरू करें। आटे को आपस में बांधने के लिए पर्याप्त पानी डालें। यह सख्त आटा होगा। गीले सूती कपड़े से ढककर लगभग 30 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर 30 मिनिट बाद आटे को मसल कर चिकना कर लीजिये और नींबू के आकार के छोटे छोटे गोले बना लीजिये। अब उनमें से प्रत्येक को मोटी पुरी में रोल करें। कांटे या चाकू से चारों तरफ चुभें। बता दें कि यह स्टेप उन्हें फूलने से रोकता है और उन्हें क्रिस्पी बनने में मदद करता है।
अब एक भारी तले की कड़ाही में तेल गरम करें और जब यह गर्म हो जाए तो इसे मध्यम आँच पर कम कर दें। पैन के आकार के आधार पर कुछ मठरियां डालें और हल्का भूरा होने तक तलें। पैन में ज्यादा भीड़ न लगाएं। आँच को मध्यम से अंत तक बढ़ाएँ ताकि मठरियाँ सुनहरे रंग की हो जाएँ। अतिरिक्त तेल सोखने के लिए उन्हें एक कागज़ के तौलिये पर निकाल लें।
इसके बाद पूरी तरह से ठंडा होने पर चाशनी तैयार कर लीजिए। अब एक पैन में पानी और चीनी डालकर 2 तार की चाशनी बना लें (तार की चाशनी कर लें). इलाइची पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएँ। गैस बंद कर दें और चाशनी को गुनगुना होने दें। अब मठरियों को चीनी की चाशनी में एक-एक करके डुबोएं. फिर इन्हें निकाल कर कटे हुए पिस्ता और गुलाब की पंखुड़ियों से सजाएं। और इन्हें तेल लगी प्लेट में रखें। लेप को सूखने दें।
एयरटाइट डिब्बे में ही रखें
10 मिनिट बाद इन्हें सावधानी से निकाल कर किसी एयरटाइट डिब्बे में भर कर रख लीजिए। ध्यान रहें कि मठरियों को ठंडा होने दें और फिर इन्हें एयर टाइट कंटेनर में भरकर रख लें। ये मठरी 10 से 15 दिन तक अच्छी रहती है। गौरतलब है कि करवा चौथ सरगी मठरियों के बिना अधूरी है।