अधिक खाने पर भी लगी रहती है भूख, जानिए और क्या है डायबिटीज के लक्षण

Update:2016-04-07 18:31 IST

लखनऊः 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है और हर साल एक नई थीम के साथ लोगों को जागरूक किया जाता है। इस बार विश्व स्वास्थ्य दिवस में डॉक्टर्स लोगों को डायबिटीज के बारे में जानकारी देंगे।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स

बलरामपुर हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजीव लोचन ने Newztrack.com को बताया कि उनके यहां एनसीडी क्लिनिक चल रहा है, जिसमें डायबिटीज के मरीजों की क्या डाइट होगी? कैसे उन्हें अपना ख्याल रखना है ये बताया जाता है। इसके साथ साथ वहां कॉउन्सलर्स और डॉक्टर्स की पूरी टीम होती है।

उन्होंने कहा कि 7 अप्रैल को वहां विशेष रूप से कार्यक्रम किए जाएंगे और लोगों की डायबिटीज जांच की जाएगी। इसके आलावा लोगों को डायबिटीज के बारे में जागरूक किया जाएगा।

क्या है डायबिटीज

-डायबटीज एक मेटाबॉलिक सिंड्रोम है इससे शरीर का हर अंग प्रभावित होता है।

-यह बिमारी शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाने के कारण होती है।

-इसमें रक्त ग्लूकोज बढ़ जाता है साथ ही मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल , वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं।

-डायबिटीज होने पर शरीर में अन्य बिमारियां भी घेर लेती हैं।

हो सकती है ये बीमारियां

-डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो अन्य बिमारियों को बुलावा देती है।

-डायबिटीज के कारण किडनी फेल होने का खतरा 50 फीसदी बढ़ जाता है।

-इसकी वजह से बढ़ा हुआ शुगर लेवल ब्रेन में ब्लड सप्लाई करने वाली नसों पर असर डालता है।

-इसके कारण ब्रेन का कुछ हिस्सा डेमेज हो सकता है और मेमोरी लॉस हो सकती है।

-बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल नर्वस और सर्कुलेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचकर आंखों पर बुरा असर डाल सकता है।

-डायबिटीज के मरीज में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा रहती है।

प्रमुख लक्षण

कुछ ऐसे लक्षण है जो अगर मरीज को दिखें तो उसे फौरन डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

-भूख अधिक लगना और अधिक खाना खाने पर भी दुबले पतले होते जाना।

-मुंह खुश्क रहना और अधिक प्यास लगना।

-बार बार पेशाब का लगना और अधिक मात्रा में आना।

-किसी भी घाव का ना भरना।

क्यों होता है डायबिटीज

-हमारे भोजन में कार्बोहाइड्रेट एक प्रमुख तत्व है जो हमारे पाचन तंत्र में पहुंचते ही ग्लूकोज के छोटे छोटे कणों में बदलकर ब्लड सर्कुलेशन में मिल जाते हैं।

-इसीलिए खाना खाने के आधे घंटे के भीतर ही रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और दो घंटे में अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाता है।

-शरीर और मस्तिष्क की सभी कोशिकाएं इस ग्लूकोज का उपयोग करती है।

-सामान्य स्वस्थ व्यक्ति में भोजन से पूर्व रक्त में ग्लूकोज का स्तर 70 से 100मि.ग्रा./डे.ली. रहता है।

-भोजन के पश्चात यह स्तर 120-140 मि.ग्रा./डे.ली. हो जाता है तथा धीरे-धीरे कम होता चला जाता है।

-डायबिटीज में इंसुलिन की कमी के कारण कोशिकाएं ग्लूकोज का उपयोग नहीं कर पातीं क्योंकि इंसुलिन के अभाव में ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश ही नहीं कर पाता।

-इंसुलिन एक द्वार रक्षक की तरह ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करवाता है ताकि ऊर्जा उत्पन्न हो सके।

-यदि ऐसा न हो सके तो शरीर की कोशिकाओं के साथ-साथ अन्य अंगों को भी रक्त में ग्लूकोज के बढ़ते स्तर के कारण हानि होती है।

-इन द्वार रक्षकों (इंसुलिन) की संख्या में कमी के कारण रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ कर 140 मि.ग्रा./डे.ली. से भी अधिक हो जाए तो व्यक्ति मधुमेह का रोगी माना जाता है

कैसे बचें डायबिटीज से

-डायबिटीज की बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले अपने खान-पान पर ध्यान दें।

-रोज सुबह उठकर घूमे और व्यायाम करें।

-मीठा, खट्टा, ताजा अनाज, चावल, आलू, तेल और मसालेदार भोजन खाने से बचें।

-नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर चेकअप कराएं।

क्या थी अब तक की थीम

-विश्व स्वास्थ्य दिवस 1950 में पूरे विश्व में मनाया गया और तब से लेकर आज तक अलग -अलग थीम द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस पर लोगों को जागरूक किया जाता है।

-2015 में स्वास्थ्य दिवस की थीम थी खाद्य सुरक्षा जिसमे पांच तत्व बताए गए थे।

1- हमेशा सफाई रखें।

2 - पके और कच्चे खाने को अलग रखें।

3 - खाने को अच्छे से पकाए, समाधान।

4 - खाने को सुरक्षित तापमान पर रखे।

5 - सुरक्षित पानी और कच्चे सामानों का इस्तेमाल करें।

 

 

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