लखनऊ: बदलती जीवनशैली में हर व्यक्ति की दिनचर्या लगभग बदल गई है। इस कारण लोगों में आए दिन गंभीर हेल्थ प्रॉब्लेम हो रही हैं। कार्यस्थल पर बढ़ता काम का दबाव खासकर यूथ में तनाव की गंभीर समस्या को जन्म दे रहा है। ऑफिस में लंबे समय तक काम करना, नाइट शिफ्ट में काम करना, तंग समय-सीमाएं और कार्यस्थल पर हमेशा बढ़ती मांगों के कारण व्यक्ति चिंतित और दबाव में महसूस करने लगता है। तनाव का स्तर एक सीमा से ज्यादा बढ़ जाने पर यह दिमाग और शरीर को नुकसान पहुंचाना शुरू करता है।
आगे...ऑफिस में तनाव की वजह
ऑफिस पॉलिटिक्स कलिग्स की कमी की वजह से अधिक समय काम करना। बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए दबाव, लेकिन नौकरी की संतुष्टि में कोई वृद्धि न होना। हर समय सबसे अच्छे स्तर का काम करने का दबाव। इस पर नियंत्रण का अभाव। जब काम आप पर हावी होने लगता है तो आपका आत्मविश्वास की कमी होने लगी है और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं आने लगती हैं।
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ऑफिस में बढ़ते तनाव के कारण कार्यक्षमता में कमी आती है। पर्याप्त आराम न मिलने के कारण चीजों को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता में गिरावट आती है। काम और व्यक्तिगत जीवन में बैलेंस नहीं हो पाता। इस प्रकार परिवार के लिए समय न निकाल पाने के कारण भी व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से डिप्रेस होता है।
तनाव से बचने के लिए व्यक्ति अल्कोहल या स्मोकिंग करने लगता है। ऑफिस से घर के लिए लौटते समय लंबा सफर भी लोगों के लिए तनाव की स्थिति पैदा कर सकता है। घर पर पहुंचने के बाद कुछ लोग रात के समय सोशल मीडिया पर घंटों व्यस्त रहते हैं यानी पूरी नींद नहीं ले पाते।
आगे...ऐसे करें तनाव को बाय-बाय
पर्याप्त नींद न लेने पर दिन की रचनात्मकता, समस्या को सुलझाने के कौशल और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी आती है।कोशिश करें कि रात में समय पर सोएं और सुबह सही समय पर उठें। सोने से एक घंटे पहले टीवी, टैबलेट, स्मार्टफोन और कंप्यूटर बंद कर दें, क्योंकि इनसे उत्सर्जित प्रकाश आपके शरीर के मेलेटोनिन के उत्पादन को दबा देता है और आपकी नींद को बुरी तरह बाधित कर सकता है। तनाव को कम करने के लिए परिवार के साथ घूमने के लिए समय निकालें।
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कम खाने, लगातार और पौष्टिक भोजन ना खाने से आपके शरीर को रक्त शर्करा का एक स्तर बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। दूसरी तरफ कम रक्त शर्करा के कारण आप चिंतित और चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं, जबकि बहुत अधिक खाने से आपके अंदर सुस्ती आ सकती है।
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चिड़चिड़ा या उदास होना। उदासीनता, काम में रुचि का कम होना। ध्यान केंद्रित करने में परेशानी। मसल्स में तनाव या सिरदर्द। पेट की समस्या। समाज से दूरी बनाना। अल्कोहल या ड्रग्स का इस्तेमाल करना।
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ऑफिस में तनाव का प्रबंधन करने के लिए अपने कार्य को तय समय-सीमा के अंदर निपटाने का प्रयास करें। प्राथमिकता के अनुसार कार्य करें। इससे न केवल तनाव कम होगा, बल्कि कार्यस्थल पर आपके कार्य करने की उत्पादकता, रचनात्मकता बढ़गी। कार्य की अधिकता से संबंधित तनाव के लिए अपने बॉस से बातचीत करें। इससे कार्य संबंधी तनाव को कम करने का समाधान हो सकता है।
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यह हृदय की रफ्तार को सुधारता है और आपके शरीर में पसीना बनाता है। अपनी मनोदशा का स्तर उठाने, ऊर्जा बढ़ाने, काम के प्रति फोकस बढ़ाने और मन और शरीर दोनों को आराम देने का एक कारगर तरीका है। रिदमिक मूवमेंट जैसे घूमना, चलना, नृत्य करना विशेष रूप से तंत्रिका-तंत्र के लिए सुखदायक हैं। तनाव से अधिकतम राहत के लिए अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट की एक्टिविटी करने का प्रयास करें।
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यदि कार्यस्थल पर तनाव ज्यादा हो रहा है तो काम के दौरान बीच में कुछ समय का ब्रेक लें और यदि संभव हो तो ऑफिस के बाहर टहलने जाएं। शारीरिक गतिविधियां आपको फिर से ऊर्जा हासिल करने में मदद करेंगी।
आगे...ऑफिस के दबाव की वजह से लोग अकसर मानसिक रूप से थकान महसूस करते हैं। इससे उनका पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होता है। नियमित व्यायाम, खासकर वेट ट्रेनिंग और लाइट इंटेन्सिटी कार्डियो करने से मस्तिष्क में ऑक्सीजन से भरपूर रक्त की आपूर्ति बढ़ जाती है और आप बेहतर महसूस करते हैं। जिम नहीं जा सकते तो पब्लिक ट्रान्सपोर्ट का इस्तेमाल ज्यादा करें। लिफ्ट और एस्केलेरेटर की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें और हर समय सक्रिय रहने की कोशिश करें। अपनी डाइट में ओमेगा 3 और अन्य हेल्थी फैट्स जैसे बादाम, कोकोनट ऑयल लेना शुरू करें।