Tremor Disease: क्या आपके भी हाथ बेवजह कांपते हैं तो ना करें नजरअंदाज, हो सकती है ट्रेमर बीमारी
Tremor Disease: कभी हाथ, कभी पैर और कभी सिर में बेवजह की कंपकंपी या झनझनाहट महसूस हो रही है या किसी हल्की सी वस्तु को उठाने या कुछ लिखने में भी हाथ कांपने लगता है तो इसको आप बिलकुल हलके में ना लें।
Tremor Disease: क्या आपको भी कभी हाथ, कभी पैर और कभी सिर में बेवजह की कंपकंपी या झनझनाहट (Tremor Disease) महसूस हो रही है या किसी हल्की सी वस्तु को उठाने या कुछ लिखने में भी हाथ कांपने लगता है तो इसको आप बिलकुल हलके में ना लें। क्योंकि ये सभी ट्रेमर के लक्षण हो सकते हैं। जी हाँ , ट्रेमर शरीर की एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर का कोई भी हिस्सा लगातार कांपता रहता है।
बता दें कि यह कंपन शरीर के किन्हीं भी एक या दो हिस्सों को प्रभावित कर देता है। मुख्य रूप से इसमें हाथ, पैर, सिर, चेहरा, आवाज ही सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। आमतौर पर यह समस्या हाथों में ज्यादा पाई जाती है। उल्लेखनीय है कि अगर इनमें से एक भी परेशानी से आप गुज़र रहे है तो बिलकुल नजरअंदाज ना करें और सतर्क होकर उपचार करवाये।
डॉक्टर्स के अनुसार ट्रेमर (Tremor Disease) किसी एक बीमारी का नाम नहीं, बल्कि यह कई तरह की बीमारियों का लक्षण होता है। बता दें कि यह समस्या आपके मस्तिष्क की संरचना में बदलाव होने के कारण होती है। शुरुआती दौर में तो यह समस्या बहुत धीरे-धीरे दिखाई देती है, लेकिन अगर समय रहते इलाज नहीं करवाया गया तो यह समस्या आसानी से गंभीर रूप ले सकती है। गौरतलब है कि इस बीमारी का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसे बढ़ने से काफी हद तक रोका जरूर जा सकता है।
ट्रेमर के मुख्य लक्षण
- हाथ, पैर, सिर का लगातार कांपना
- बोलते समय जीभ का भी कपकपाना
- लिखते समय हाथों का कांपना
- किसी भी चीज को सही ढंग से न पकड़ पाने की स्थिति
ट्रेमर होने के कारण
ट्रेमर बीमारी (Tremor Disease) होने का कारण हर व्यक्ति में अलग -अलग होता है। बता दें कि दिमाग के कुछ हिस्सों में न्यूरोट्रांसमीटर केमिकल मौजूद होते हैं। यह केमिकल पूरे शरीर या किसी विशेष हिस्से की मांसपेशियों को नियंत्रित करने का काम करते हैं। लेकिन जब यह केमिकल लीक होने लगते हैं तो ट्रेमर नाम की समस्या उत्पन हो जाती है। गौरतलब है कि मांसपेशियों के असामान्य स्थिति में होने के कारण भी यह समस्या पैदा हो सकती है। इतना ही नहीं शरीर में न्यूरोडीजेनरेटीव बीमारी होने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
बता दें कि इस बीमारी में ब्रेनस्टेम पूरी तरह से नष्ट हो जाने के साथ अन्य कारणों जैसे अधिक मात्रा में शराब पीना, लीवर का खराब हो जाना, पार्किंसन, थाइराइड , मेंटल डिसआर्डर, कैल्शियम, पोटाशियम की भी इस समस्या के होने का कारण बन सकती है। इतना ही नहीं कई बार यह समस्या वंशानुगत भी हो सकती है।
उपचार
- ट्रेमर के लिए मेडिकल और सर्जिकल दोनों तरह के इलाज उपलब्ध मौजूद हैं। लेकिन कुछ मामलों में तो मरीज द्वारा ली जाने वाली किसी विशेष ड्रग्स को बंद कर देना या कम कर देने से भी यह समस्या कम हो जाती है।
- जबकि कुछ मामलों में कॉम्पलेक्स हॉरमोनल इलाज की जरूरत हो सकती है। ट्रेमर समस्या से संबंधित विशेषज्ञ ही यह तय करते हैं कि किस मामले में किस तरह का इलाज देना है।
ट्रेमर की जांच
फीजिकल एग्जाम के दौरान डॉक्टर यह जांच करता है कि टेमर की समस्या (Tremor Disease) मरीज में किसी काम को करने के दौरान है या फिर आराम करने के दौरान ही पायी जाती है। इतना ही नहीं डॉक्टर यह भी जानने की कोशिश करता है कि कही टेमर (Tremor Disease) किसी सेंसरी लोस के कारण या कमजोरी के कारण या मसल्स के क्षीण होने के कारण तो नहीं हो गयी है। इसके अलावा कभी -कभी यह समस्या वंशानुगत भी हो सकती है। मरीज़ के खून और यूरीन की जांच के माध्यम से देखा जाता है कि यह समस्या कही थाइराइड मालफंक्शन, दूसरे मेटाबॉलिक के कारण या कुछ निश्चित केमिकल के आसामान्य होने के कारण तो नहीं हुई है। इतना ही नहीं विशेषज्ञ मरीज़ के खून और यूरीन की जांच के द्वारा यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि मरीज को शराब की लत तो नहीं या फिर उसे कोई अन्य गंभीर बीमारी तो नहीं है।