सब्जी के ये दो मसाले नहीं बढ़ाते सिर्फ स्वाद, रखते हैं सेहत का भी जबरदस्त ख्याल

Update:2017-07-24 11:44 IST

लखनऊ: हम स्वस्थ रहें इसके लिए लाख जतन करते हैं। पर थोड़ा सा घर की रसोई पर ध्यान देना भूल जाते हैं।कहने का मतलब है कि हम स्वस्थ रहें फिट रहें और वजन कंट्रोल रहे इसके लिए मेडीसीन डॉक्टर तक जाने से नहीं गुरेज करते पर जो चीज हमारे रसोई में उस पर ध्यान नहीं देते, जिसके सेवन से हम ना सिर्फ स्वस्थ रहेंगे, बल्कि डॉक्टर पास जाने से भी बचेंगे। ये है हल्‍दी और काली मिर्च जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं।

आगे... हल्दी में कई एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जबकि काली मिर्च कैंसर से लड़ने, वजन कम करने, गैस की समस्या से राहत पाने और त्वचा को साफ रखने में मदद मिलती है। इन दोनों के मिश्रण से आपको पूरा स्‍वास्‍थ्‍य लाभ मिलता है। हल्दी में पाए जाने वाले केमिकल तत्व क्युरक्यूमिन में चिकित्सीय गुण होते हैं। इसी तरह काली मिर्च में पाए जाने वाला तत्व पीपरिन इसके टेस्ट और हेल्थ बेनिफिट्स के लिए जिम्मेदार है। जब क्युरक्यूमिन को पीपरिन के साथ जोड़ा जाता है, तो आपको अधिक फायदे मिलते हैं।

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जैसा कि, भोजन की जैव उपलब्धता भोजन में पोषक तत्वों की मात्रा है, जो शरीर को अवशोषण और चयापचय के लिए उपलब्ध है। सभी चीजों में सामान जैव उपलब्धता नहीं है। दुर्भाग्य से हल्दी एक ऐसी चीज है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ तो हैं, लेकिन यह सबसे कम जैव उपलब्धता वाली चीजों में से एक है। हल्दी में मौजूद क्युरक्यूमिन शरीर द्वारा तेजी से चयापचय और उत्सर्जित होता है। यहां तक कि अगर आप हल्दी का भरपूर सेवन कर रहे हैं, तो भी आपके शरीर को पूर्ण लाभ नहीं मिल सकते हैं।

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काली मिर्च में मौजूद पीपरिन आपके लीवर को क्युरक्यूमिन को हटाने से रोकता है, इससे पहले कि आपके शरीर को इसका पूरा लाभ मिले। यह पेट में क्युरक्यूमिन को रखने का समय बढ़ाकर मेटाबोलिज्म रेट को स्लो करता है। इसके अलावा यह एंजाइमों को बाधित करता है जो कि इसे जल्दी मेटाबोलाइज कर सकते हैं। ये शरीर को इसे पूरी तरह से अवशोषित करने में मदद करता है।

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हल्दी में मौजूद पॉलीफेनोल क्युरक्यूमिन को ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके तंत्रिकाओं की रक्षा के लिए जाना जाता है। लेकिन इसकी खराब बायोवेलएबिलिटी के कारण, हल्दी अपने आप यह काम नहीं कर सकती है। वैज्ञानिकों ने चूहों को न्यूरोटॉक्सिन 3-नाइट्रोप्रोपोनिक एसिड के साथ हल्दी और काली मिर्च का इंजेक्शन दिया। रिसर्च में पाया गया कि नसों पर विषाक्त पदार्थों के हानिकारक प्रभाव को कम करने में काली मिर्च द्वारा हल्दी का प्रभाव बढ़ाया गया था।

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