World AIDS Vaccine Day 2024: क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे, जानिए इसका इतिहास और महत्त्व

World AIDS Vaccine Day 2024: आज एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस मनाया जा रहा है जिसे मनाने का उद्देश्य वैक्सीन की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

Update:2024-05-18 11:52 IST

World AIDS Vaccine Day 2024 (Image Credit-Social Media)

World AIDS Vaccine Day 2024: आज पूरी दुनिया में वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे मनाया जा रहा है जिसके अंतर्गत वैक्सीन की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ ये दिन उन लोगों का जश्न भी मनाता है जो इस लक्ष्य की दिशा में काम करते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं इस दिन के महत्त्व और इतिहास के बारे में।

वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे का इतिहास और महत्त्व (World AIDS Vaccine Day 2024 History and Significance)

एड्स और एचआईवी हमारे समाज में एक मौजूद एक बेहद गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। अभी तक कोई ज्ञात टीका नहीं है जिसका उपयोग इस घातक संक्रमण के प्रवाह को रोकने के लिए किया जा सके। वैक्सीन की निरंतर आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल एक दिन अलग रखा जाता है जिसे एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस या विश्व एड्स दिवस के रूप में जाना जाता है। यह हर साल 18 मई को आयोजित किया जाता है। वैक्सीन की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ यह उन लोगों का जश्न भी मनाता है जो इस लक्ष्य की दिशा में काम करते हैं। संक्रमण से पीड़ितों की मदद करने वाले सभी लोगों की भी इस मार्मिक दिन पर प्रशंसा की जाती है। साथ ही उनके काम और प्रयास की सराहना करता है आज का ये दिन।

1997 में, मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में दिए गए एक भाषण के दौरान, उस दिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने दुनिया भर के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से एड्स के लिए एक टीका बनाने की दिशा में काम करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि इसके प्रसार को सीमित करने और अंततः इसे ख़त्म करने का यही एकमात्र तरीका होगा।

विश्व एड्स टीका दिवस 18 मई को मनाया जाता है। वहीँ पहली बार साल 1998 में 18 मई को मनाया गया था। क्लिंटन के भाषण के ठीक एक साल बाद। तब से हर साल यह स्मरणोत्सव मनाया जाता है। दुनिया भर में गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

गतिविधियों का उद्देश्य एड्स के टीकों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को एचआईवी को कैसे रोका जा सकता है इसके बारे में शिक्षित करना है। आम लोगों को याद दिलाया जाता है कि वे भी महामारी को ख़त्म करने में अपनी अहम् भूमिका निभा सकते हैं।

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