World Sparrow Day 2025: विश्व गौरैया दिवस क्यों मनाते हैं, क्या कारण है, क्या इतिहास है?

World Sparrow Day 2025: क्या आप जानते हैं कि विश्व गौरैया दिवस क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास और उद्देश्य क्या है साथ ही आइये जानते हैं इस साल की इसकी थीम क्या है।;

report :  Shivani Jawanjal
Update:2025-03-20 11:46 IST

World Sparrow Day 2025

World Sparrow Day 2025: विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) हर वर्ष 20 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन शहरी वातावरण में पाई जाने वाली अन्य पक्षी प्रजातियों के संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित करता है।

विश्व गौरैया का दिवस इतिहास

विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत 2010 में हुई थी। यह पहल भारत की नेचर फॉरएवर सोसाइटी और फ्रांस की इको-एसआईएस एक्शन फाउंडेशन के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इसका मुख्य उद्देश्य गौरैया की घटती संख्या के प्रति जागरूकता फैलाना और उनके संरक्षण के लिए प्रयास करना है। नेचर फॉरएवर सोसाइटी के संस्थापक, भारतीय संरक्षणवादी मोहम्मद दिलावर, ने नासिक में घरेलू गौरैया की विशेष देखभाल के लिए अभियान शुरू किया था, जो इस दिवस की स्थापना का आधार बना।


विश्व गौरैया का महत्व

गौरैया हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे कीटों का सेवन करती हैं, जिससे फसलों की रक्षा होती है, और जैव विविधता में योगदान देती हैं। हालांकि, शहरीकरण, प्रदूषण, कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग और आधुनिक निर्माण शैली के कारण उनके आवास और भोजन के स्रोत कम हो रहे हैं, जिससे उनकी संख्या में तेजी से गिरावट आई है। विश्व गौरैया दिवस का उद्देश्य इन मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करना है।

विश्व गौरैया का उद्देश्य

इस दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को गौरैया और अन्य सामान्य पक्षियों के संरक्षण के लिए प्रेरित करना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि यदि हमने अभी कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों को गौरैया सिर्फ तस्वीरों में ही देखने को मिलेगी। इसके अलावा, यह दिवस पक्षी संरक्षणवादियों के नेटवर्क और संरक्षण में सुधार के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।



 कैसे मनाया जाता है

विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे:

शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम: स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भाषण, नाटक, पेंटिंग प्रतियोगिता, गायन और नृत्य जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।

सोशल मीडिया अभियान: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग गौरैया बचाने के लिए प्रेरित हों।

रैलियाँ और पोस्टर प्रदर्शन: स्लोगन और पोस्टर के माध्यम से रैलियाँ निकाली जाती हैं, ताकि लोग इस विषय को गंभीरता से लें।

घोंसला निर्माण और दाना-पानी की व्यवस्था: लोग अपने घरों में घोंसले के लिए सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराते हैं और पानी एवं दाने की व्यवस्था करते हैं, ताकि गौरैया को फिर से बसने के लिए सुरक्षित वातावरण मिल सके।

संरक्षण के लिए व्यक्तिगत प्रयास

गौरैया के संरक्षण के लिए हम निम्नलिखित प्रयास कर सकते हैं:

घोंसले के लिए स्थान उपलब्ध कराना: अपने घरों में घोंसले के लिए सुरक्षित स्थान बनाएं, जिससे गौरैया को बसने में सहायता मिले।

पानी और दाने की व्यवस्था: अपने घर और बालकनी में पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें, ताकि गौरैया को भोजन और पानी की कमी न हो।

कीटनाशकों का कम उपयोग: कीटनाशकों और जहरीले रसायनों के उपयोग को कम करें, क्योंकि ये गौरैया के भोजन और प्रजनन को प्रभावित करते हैं।

पेड़-पौधे लगाना: पेड़-पौधे लगाएं और खुले स्थानों को संरक्षित रखें, जिससे गौरैया को प्राकृतिक आवास मिल सके।

विश्व गौरैया दिवस भारत की 'नेचर फॉरएवर सोसाइटी' द्वारा फ्रांस के 'इको-एसआईएस एक्शन फाउंडेशन' और अन्य संगठनों के सहयोग से 2010 में शुरू किया गया था। इस पहल की शुरुआत समर्पित संरक्षणवादी मोहम्मद दिलावर द्वारा नासिक में घरेलू गौरैया के संरक्षण के अभियान से हुई थी।

यह दिवस गौरैया के संरक्षण के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है, जहां पक्षी संरक्षणवादियों के नेटवर्क और संरक्षण में सुधार के लिए विचारों का आदान-प्रदान होता है। 2012 में, जागरूकता अभियान के कारण गौरैया को दिल्ली का राज्य पक्षी घोषित किया गया।

विश्व गौरैया दिवस 2025 थीम

World Sparrow Day 2025 (Image Credit-Social Media)

2025 में विश्व गौरैया दिवस की थीम "A Tribute to Nature’s Tiny Messengers" ("प्रकृति के नन्हे दूतों को श्रद्धांजलि") रखी गई है। यह थीम गौरैया के पारिस्थितिक महत्व और उनके संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करती है।

गौरैया के बारे में रोचक तथ्य

  • गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस (Passer Domesticus) है।
  • इनकी औसत ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होता है।
  • इनका वजन 25 से 40 ग्राम के बीच होता है।
  • नर गौरैया की पीठ लाल और काली बिब होती है, जबकि मादा की पीठ भूरी धारियों वाली होती है।
  • ये झुंड में रहना पसंद करती हैं और सामूहिक रूप से अपना जीवन व्यतीत करती हैं।
  • इनकी औसत जीवन प्रत्याशा 4 से 5 वर्ष होती है।
  • इनकी उड़ान गति लगभग 45.5 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।

संरक्षण के प्रयास

आवास की सुरक्षा: गौरैया के लिए सुरक्षित घोंसलों की व्यवस्था की जाए।

भोजन और पानी की व्यवस्था: बालकनी या छत पर पानी और दाने के बर्तन रखें।

कीटनाशकों का कम उपयोग: खेतों और बागानों में कम रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग करें।

प्राकृतिक आवास का संरक्षण: पेड़ों को न काटें और हरियाली बनाए रखें।

काफी सामान्य और व्यापक प्रजातियाँ: घरेलू गौरैया दुनिया की सबसे आम और व्यापक प्रजातियों में से एक हैघरेलू गौरैयों के अलावा गौरैया की अन्य 26 विशिष्ट प्रजातियाँ हैं।ये सभी प्रजातियाँ तीन महाद्वीपों अर्थात् एशिया, अफ्रीका और यूरोप में पाई जाती हैं.

गौरैया की विशेषताएँ:

घरेलू गौरैया (पासर डोमेस्टिकस) शायद दुनिया में सबसे व्यापक और सामान्य तौर पर देखा जाने वाला जंगली पक्षी है।इसे यूरोपीय लोगों द्वारा दुनिया भर में पहुँचाया गया और अब इसे न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, भारत और यूरोप सहित दुनिया के दो-तिहाई भूभाग पर देखा जा सकता है।यह केवल चीन, इंडो-चीन, जापान एवं साइबेरिया और पूर्वी व उष्णकटिबंधीय अफ्रीका आदि क्षेत्रों में अनुपस्थित है।

विश्व गौरैया दिवस हमें याद दिलाता है कि प्राकृतिक जैव विविधता के संरक्षण के लिए हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। गौरैया सिर्फ एक पक्षी नहीं, बल्कि हमारे पर्यावरण का अभिन्न हिस्सा है। इसके संरक्षण के लिए छोटे-छोटे प्रयास भी बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। आइए, इस दिवस के माध्यम से गौरैया के संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं और अपने पर्यावरण को संतुलित और सुंदर बनाए रखें।

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