दिल्ली कांग्रेस ने 'आप' से गठबंधन का किया विरोध, राहुल करेंगे फैसला
दिल्ली में आप पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर आंतरिक संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है। पूर्व सीएम शीला दीक्षित के नेतृत्व वाला समहू 'आप' से गठबंधन के खिलाफ है, जबकि अजय माकन का गुट अब इसके समर्थन में है।
नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन के लिए आज कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई बड़े शामिल हुए।
इस बैठक में पार्टी नेताओं ने अपना मत राहुल गांधी को बता दिया है, अब गठबंधन पर राहुल गांधी ही अंतिम फैसला करेंगे। कांग्रेस नेता राजेश लिलोथिया ने कहा कि हम लोगों ने अपना मत दे दिया है, हम गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। आज शाम तक फैसला हो जाएगा कि गठबंधन होगा या नहीं।
दिल्ली में आप पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर आंतरिक संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है। पूर्व सीएम शीला दीक्षित के नेतृत्व वाला समहू 'आप' से गठबंधन के खिलाफ है, जबकि अजय माकन का गुट अब इसके समर्थन में है।
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दिल्ली में कांग्रेस-आप के गठबंधन की खबरों को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला और उनके सहयोगी तीन वर्किंग प्रेजिडेंट्स (हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया) ने फिर एक बार गठबंधन को गलत बताया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि, ‘इससे पार्टी को भविष्य में नुकसान होगा। सभी ने पार्टी को दिल्ली में अकेले लड़ने की सलाह दी है। यह पत्र 14 मार्च को भेजा गया था’।
दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको आप से गठबंधन के समर्थन में हैं। वहीं कांग्रेस के कुछ पूर्व अध्यक्षों ने मिलकर राहुल को इस संबंध में पत्र भी लिख दिया है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, ताजदार बाबर, अरविंदर सिंह लवली और सुभाष चोपड़ा ने राहुल को गठबंधन के लिए हामी भरने की सलाह दी थी।
दूसरा पत्र राहुल के पास पहुंचने के बाद पीसी चाको ने कहा, 'मुझे जानकारी मिली है कि पार्टी के सीनियर नेता समझते हैं कि इस वक्त बीजेपी को हराना मुख्य जिम्मेदारी है। ज्यादातर नेताओं को लगता है कि इसके लिए आप से गठबंधन होना चाहिए।'
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