क्या आप जानते हैं चुनाव के बाद ईवीएम का क्या होता है?

आयोग के अधिकारी ने कहा कि EVM दूसरे इलेक्ट्रानिक डिवाइस की तरह होते हैं, अगर इन्हें ठीक से रखा जाए तो ये अच्छा काम करते हैं बेहद सुरक्षित होते हैं। इनमें किसी किस्म की छेड़छाड़ की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं है। खराब EVM को नष्ट किया जाता है।

Update: 2019-05-25 12:21 GMT

नई दिल्ली: पिछले करीब तीन लोकसभा चुनाव से ईवीएम पर लगातार सवाल उठाये जाते रहे हैं। इस संबंध में चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के खिलाफ किसी भी दावे को खारिज कर दिया है। तो इस बार भी ईवीएम के रोल पर खूब बहस होती रही।

तो ऐसे में सवाल ये है कि चुनाव संपन्न होने के बाद इतनी भारी संख्या में EVM का होता क्या है? क्या इसे फिर से संभाल कर रखा जाता है? क्या इनका इस्तेमाल फिर से किया जाएगा? अगर हां तो इसकी प्रक्रिया क्या है? EVM से जुड़े इन तमाम सवालों का जवाब हम आपको बताने जा रहे हैं।

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गौरतलब है कि लगभग 90 करोड़ मतदाताओं के लिए चुनाव आयोग ने लाखों EVM की व्यवस्था की गई थी। इस मतदान में करीब 60 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला। चुनाव से पहले EVM पर सवाल उठाने वाली पार्टियों ने नतीजों के बाद चुनाव आयोग की काबिलियत और EVM क्षमता पर सवाल नहीं उठाया।

यहां रखी जाती है EVM

मतदान खत्म होते ही EVM को कड़ी सुरक्षा में स्ट्रॉन्ग रूम में लाया जाता है। यहां पर EVM को बिना रोशनी में रखा जाता है, जहां EVM रखी जाती है वहां किसी किस्म की इलेक्ट्रानिक डिवाइस भी नहीं होती है।

मतगणना के 45 दिन तक सुरक्षित होता है वोट

उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के बाद EVM को एक बार फिर से स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है, और रूम को बंद कर एक बार फिर सील किया जाता है। ये प्रक्रिया उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में की जाती है। इनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, "चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद उम्मीदवारों को 45 दिन का वक्त दिया जाता है, इस अवधि के दौरान अगर उम्मीदवार को मतगणना प्रक्रिया पर संदेह है तो वह फिर से मतगणना के लिए आवेदन कर सकता है। 45 दिन की समय सीमा गुजर जाने के बाद मतगणना के लिए आवेदन नहीं दिया जा सकता है।" सब कुछ ठीक पाए जाने के बाद EVM को दूसरे मतदान के लिए तकनीकी रूप से सक्षम घोषित कर दिया जाता है।

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कई बार चेकिंग करते हैं इंजीनियर

इससे पहले भी चुनाव आयोग कई दौर की चेकिंग करता है। EVM को मतदान के लिए भेजे जाने से पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है और उनके सामने मॉक टेस्ट किया जाता है। ये प्रक्रिया कई चरणों में होती है और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को संतुष्ट किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद संबंधित अधिकारी हस्ताक्षर करता है, इसके साथ ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी अपना हस्ताक्षर देते हैं।

आयोग के अधिकारी ने कहा कि EVM दूसरे इलेक्ट्रानिक डिवाइस की तरह होते हैं, अगर इन्हें ठीक से रखा जाए तो ये अच्छा काम करते हैं बेहद सुरक्षित होते हैं। इनमें किसी किस्म की छेड़छाड़ की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं है। खराब EVM को नष्ट किया जाता है।

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