रामभुवाल को प्रत्याशी बना सपा ने भाजपा को दिया झटका, अब उपेंद्र हो सकते हैं प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी का जातीय गणित बिगाड़कर रख दिया है। गोरखपुर से सपा के टिकट पर विजयी प्रवीण निषाद को उनके पिता सहित भाजपा ने अपने कुनबे में शामिल कर जो अखिलेश को शह देने के चाल चली थी। सपा मुखिया ने इसके जवाब में मात की चाल चल दी है।

Update:2019-03-31 21:42 IST
फ़ाइल फोटो

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी का जातीय गणित बिगाड़कर रख दिया है। गोरखपुर से सपा के टिकट पर विजयी प्रवीण निषाद को उनके पिता सहित भाजपा ने अपने कुनबे में शामिल कर जो अखिलेश को शह देने के चाल चली थी। सपा मुखिया ने इसके जवाब में मात की चाल चल दी है।

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भाजपा प्रवीण निषाद को उम्मीदवार घोषित करती उससे पहले रामभुवाल निषाद को उम्मीदवार घोषित कर अखिलेश ने भाजपा के सामने संकट खड़ा कर दिया है। बदले समीकरणों में गोरखपुर से उपेंद्र शुक्ल पुनः भाजपा का टिकट पा सकते हैं क्योंकि रामभुवाल निषाद को वह कांटे की टक्कर दे सकते हैं।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और उनके बेटे प्रवीण निषाद पार्टी कहीं से भी जगह तलाश रही है। सूत्रों का कहना है कि अम्बेडकर नगर एक ऐसी सीट है जिससे समाजवादी पार्टी के शंखलाल मांझी सांसद रह चुके हैं। मांझी और निषाद एक ही बिरादरी में आते हैं। प्रवीण निषाद को अम्बेडकरनगर से उतारा जा सकता है। प्रवीण और संजय निषाद के कोटे में दो सीटें हैं। ऐसे में ये दिलचस्प होगा कि पिता पुत्र खुद चुनाव लड़ते हैं या जिस पूर्व सांसद ने दोनो को भाजपा में आने के लिए तैयार किया था उसके लिए कोई सीट छोड़ते हैं।

संजय व प्रवीण निषाद के लिए सीट की तलाश जारी, आजमगढ़ से रमाकांत यादव व लालगंज से दरोगा प्रसाद सरोज होंगे प्रत्याशी

सूत्रों का यह भी कहना है कि आजमगढ़ से पूर्व सांसद रमाकांत यादव और लालगंज से दरोगा प्रसाद सरोज भाजपा प्रत्याशी होंगे। दोनों ने एक साथ ही भाजपा का दामन भी थामा था। रमाकांत यादव भाजपा के टिकट पर एक बार सांसद भी रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के साथ हुए म़ुकाबले में कड़ी टक्कर के बाद उन्हें हार मिली थी। लालगंज लोकसभा क्षेत्र में दरोगा सरोज सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में हैं।

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दरोगा प्रसाद की छवि दलितों पिछडों व अगड़ों में पैठ रखने वाले नेता के रूप में है। हालांकि 2017 में लालगंज से विधान सभा का चुनाव सरोज मात्र 1200 मतो से हार गये थे। लेकिन इस बार हालात बदले हैं भाजपा को लग रहा है कि पासी समाज का एक लाख साठ हजार मत दरोगा सरोज के प्रत्याशी बनने से मिल सकता है। और वह भाजपा के जिताऊ उम्मीदवार हो गए हैं।

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